जिला अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर रिश्वत लेने का वीडियो वायरल

गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। पेट में पथरी का ऑपरेशन करवाने के नाम पर वार्ड ब्वॉय ने मरीज से आठ हजार रुपये हड़प लिए। रिश्वत लेने के कारण बताने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। वहीं पीड़ित ने अस्पताल के सीएमएस से शिकायत की।

शिकायत कर्ता मनोज ने बताया कि उसकी पत्नी के पेट में काफी समय से दर्द हो रहा था। इसके चलते वह जिला एमएमजी अस्पताल में गया। पर्चे काउंटर पर स्वास्थ्यकर्मी ने कमरा नंबर-13 में जांच कराने के लिए कहा। अस्पताल के कमरा नंबर 13 में चिकित्स के पास पहुंचा था। चिकित्सक ने पर्चे पर अल्ट्रासाउंड जांच करवाने के लिए लिखा।

अल्ट्रासाउंड करवाकर जब वह दोबारा कमरे में पहुंचा तो वहां चिकित्सक नहीं थे। कमरे में एक वॉर्ड बॉय बैठा था, उसने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर कहा कि महिला की पित्त की थैली में पथरी है और इसका जल्द ऑपरेशन करवाना होगा।

जल्दी ऑपरेशन नहीं हुआ तो जान का खतरा है। इस पर पीड़ित डर गया और ऑपरेशन की जानकारी मांगी। आरोप है कि वार्ड बॉय ने पीड़ित से ऑपरेशन के लिए 8300 रुपये की मांग की। पीड़ित ने अधिक रुपये लेने पर सवाल किए तो वार्ड बॉय ने काफी खर्चें बता दिए। पीड़ित ने वार्ड बॉय को रुपये दे दिए और इसकी वीडियो भी बना ली।

इसके बाद उनकी पत्नी का ऑपरेशन हो गया और उनको वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया। वॉर्ड में मरीज महिला की जांच करने आए चिकित्सक ने बताया कि अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन होता है। इस बात पर पीड़ित ने चिकित्सक को सारी जानकारी दी। इस पर चिकित्सक ने पीड़ित से प्रबंधन में शिकायत करने के लिए कहा।

इसके बाद पीड़ित ने अस्पताल के सीएमएस से शिकायत की। एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनुराग भार्गव ने बताया कि मामले की शिकायत मिली है। इसमें तीन चिकित्सकों की टीम मामले की जांच कर रही है। एक सप्ताह में रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

दो बार निलंबित हो चुका है आरोपी

बताया गया है कि आरोपी वार्ड बॉय पहले भी दो बार अस्पताल से निलंबित किया जा चुका है, लेकिन किसी न किसी माध्यम से दोबारा अस्पताल में तैनाती मिल जाती है।

सैकड़ों मरीजों से प्रतिदिन होती है वसूली

अस्पताल में जांच कराने वाले मरीजों का कहना है कि जल्द जांच कराने या उपचार के लिए अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों से अधिक रकम वसूली जाती है। समर्थ लोग तो रुपये देकर उपचार करा लेते हैं, लेकिन गरीब लोग कतार में ही खड़े रहते हैं। इसको लेकर प्रशासन से पहले भी शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।