इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित को अस्पताल न टरकाएं

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कोविड-19 के संक्रमण को दृष्टिगत जिलाधिकारी डॉ.अजय शंकर पांडेय ने गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.एनके गुप्ता द्वारा प्राईवेट लैब से प्राप्त रिपोर्टों में सामन्जस्य की कमियों का उल्लेख किया। कोरोना का संक्रमण रोकने में मुश्किलें आ रही हैं। कई ऐसे प्रकरण हैं, जिनमें निजी लैब से रिपोर्ट धनात्मक प्राप्त हुई और सरकारी लैब से जांच कराने पर वह ऋणात्मक हो गई। ऐसे भी मामले हैं जब लैब द्वारा डिस्ट्रिक सर्विलांस अधिकारी को रिपोर्ट उपलब्ध कराने से पहले मरीज को सूचना दे दी गई। कुछ मामलों में न मरीज की तरफ से और ना लैब स्तर से कोई सूचना दी गई, मगर सोसाइटी के नागरिकों के जरिए यह सूचना जिला सर्विलांस अधिकारी को प्राप्त हुई। दिल्ली में रोगी के होम क्वारंटाइन की व्यवस्था है। अत: दिल्ली के निजी अस्पतालों से जांच कराकर डिस्चार्ज स्लीप लेकर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति अपने घर होम क्वॉरंटाइन में रहने लगता है। ऐसे व्यक्तियों की सूची आरडब्ल्यूए के माध्यम से प्राप्त हो रही है। कोरोना पॉजिटिव की स्थिति में सूचना प्राप्त होने पर तत्काल उन्हें कोविड अस्पताल गाजियाबाद में भर्ती कराया जा रहा है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि अन्य बीमारियों के इलाज के दौरान यदि कोई कोरोना पॉजिटिव हो जाता है, तो उसके साथ टाल-मटोल या कोविड इलाज को टरकाने का कोई प्रयास न करें। यदि ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मरीजों के ऐपिडेमिकलॉजिकल अध्ययन एवं सर्विलेंस गतिविधि के आधार पर पाया गया कि जनपद में कोविड-19 के पाए गए धनात्मक मरीजों में जिनको अत्याधिक जटिलता उत्पन्न हुई है, उनमें ज्यादातर मरीज मधुमेह, रक्तचाप, थायरॉयड, अस्थमा, कैंसर एवं सांस की बीमारी से ग्रसित थे। बैठक में सीएमओ डॉ.एनके गुप्ता,सहायक मुख्य चिकित्साधिकारी संजय अग्रवाल एवं डॉ.अभिषेक कुलश्रेष्ठ आदि मौजूद रहे। जनपद में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम को बनाए गए हॉट स्पॉट्स पर विशेष स्वास्थ टीम का गठन किया गया है। यह टीम प्रत्येक हॉट स्पॉट में जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर लगाकर नागरिकों के स्वास्थ की जांच करेगी तथा कोविड-19 के परिलक्षित हो रहे मरीजों का चिन्हिकरण एवं समय से उपचार सुनिश्चित हो सकेगा। इसी क्रम में खोड़ा क्षेत्र में 5 टीमें लगाई गईं। इन टीमों ने 130 नागरिकों की स्क्रीनिंग की और 14 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई।