चेतन भाटी@ बुलंदशहर । इस देश मे बीमा करवाना बहुत ही आसान है यहाँ तक कि एक बार किसी बीमा एजेंट को भनक लग जाये की किसी व्यक्ति को बीमा करवाना है तो वह नए बीमाकर्ता के दरवाजे पर जाकर ही रहेगा । किन्तु क्या आप जानते है कि जिस प्रकार एक आम नागरिक का बड़ी सरलता से बीमा हो जाता है ठीक उसी के विपरीत फाइनेंस सेक्टर की बात की जाए तो मज़ाक सा लगेगा क्योकि आम नागरिक के लिए तो भाई फाइनेंस है ही नही चूंकि यह अलग बात है कि वर्तमान स्थिति के हालातों के चलते सरकार ने आम नागरिक की सहायता हेतु फाइनेंस सेक्टर में भी बहुत कुछ बदलाब किया है किन्तु क्या आप जानते है कि फाइनेंस तीन श्रेणी में ही अधिकतर हो पाता है पहला अगर व्यक्ति बिजनेसमैन है तो उसकी आईटीआर , अगर सरकारी नोकरी है तो उसे फॉर्म सोलह ओर प्राइवेट नोकरी करता है तो कम से मासिक इनकम बीस हजार ओर साथ मे उसका भी फॉर्म सोलह अनिवार्य होगा साथ ही अगर किसान है तो उसके लिए केवल के सी सी किन्तु इन सभी दस्तावेजो में फाइनेंस लेने वाले व्यक्ति की सिविल पर भी सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है ।
किन्तु अजीबो गरीब रंग है दुनिया का एक बार कोई बोल दे कि सामने वाले का फाइनेंस हो जाएगा तो उसके लिए चाहे कितना भी धन उठाना पड़ जाए व्यक्ति उठाएगा
किन्तु कभी सोचा है कि अगर ऊपर बताये गए महत्वपूर्ण दस्तावेज अगर पार्टी के पास नही है ओर फिर भी कोई व्यक्ति कह रहा है कि उसका फाइनेंस हो जाएगा तो सावधान हो जाओ क्योकि अब हो सकता है कि आपके साथ फर्जीवाडा होने वाला है । इसी प्रकार कई फाइनेंस करने वाली बैंको एवम कंपनियों से फाइनेंस करवाने का कोड तो बहुत आसानी से मिल जाता है और ऑफिस खोलकर कुछ लोग फाइनेंस की आड़ में आम जनता से धन की भरपूर भरपाई कर रहे है तरह तरह की प्रोसेसिंग फीस के साथ साथ एक्स्ट्रा खर्चा बताकर गरीब लोगों के साथ मजाक तो कर ही रहे है साथ ही कर्ज में डूबे व्यक्ति को फाइनेंस का प्रलोभन देने के बहाने उसे ओर कर्ज में डुबोते जा रहे है । ये ही नही यह नेटवर्क जनपद की सीमा में भी पनप रहा है और हर प्रकार की साठगांठ करते हुए गरीब लोगों से धन भी वसूल रहा है ।