घरों में पढी गई रमजान के आखिरी जुमा की नमाज

-डीएम-एसएसपी ने किया निरीक्षण

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। रमजान के आखिरी जुमा (अलविदा) जुमे की नमाज शुक्रवार को घरों में पढी गई। रमजानुल मुबारक का आखिरी जुमा होता है, जो रविवार को है। लॉकडाउन की वजह से रमजान उल मुबारक महीने में देशभर की मस्जिदें बंद हैं। मस्जिदों में नमाज सिर्फ चार से पाच लोग ही अदा कर रहे हैं। जो मस्जिदों में ही रहते और खाते-पीते हैं। माहे रमजान का अलविदा जुमा भी इस लॉकडाउन में पड़ा। बता दे कि राज्य सरकार की ओर से अब तक मस्जिदों सभी लोगों के नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी गई है। वहीं अलविदा जुमा व ईद उल फितर के मद्देनजर की जा रही चैकिंग का जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पाण्डेय व एसएसपी कलानिधि नैथानी ने निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने चैकिेग कर रहे अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पुलिस अलविदा जुमा व ईद के मौके पर जहां पूरी तरह से अलर्ट रहे वहीं ऐसे अराजक एवं शरारती तत्वों पर भी निगाह रखे जो सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाडने व फिजा को खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। साथ ही लॉकडाउन का शत प्रतिशत अनुपालन करवाने के निर्देश भी कप्तान ने अधिनस्थ अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को दिये। वहीं ईद के मौके पर कविनगर थाने में मुस्लिम समुदायों के साथ सीओ द्वितीय अवनीश कुमार, थाना प्रभारी मोहम्मद असलम की मौजूदगी में बैठक सम्पन्न हुई। सीओ द्वितीय अवनीश कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी से बचने और बचाने के उद्देश्य से जहां लॉकडाउन लगाया गया है। वहीं लोग ईद की नमाज को शांति पूर्वक प्यार मोहब्बत से अपने घर में अदा करें। घर से बाहर ना निकले, लॉक डाउन का पालन करें, और घर से बाहर न निकल कर मस्जिद तक न जाए। अगर मस्जिदों में नमाज पढऩे का प्रयास किया गया तो उसे कानून हाथ में लेना माना जाएगा और लोक डाउन का उल्लंघन भी माना जाएगा। जिसके तहत मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है। इसलिए अपने अपने परिवार की अपने कस्बे की जान की माल की हिफाजत करने के उद्देश्य से कोरोना से बचाने के लिए अपने घरों में रहकर नमाज पढ़े।