बुलंदशहर आज कारागार में निरुद्ध महिला बंदियों के साथ रह रहे मासूम नन्हे मुन्ने बच्चे किसी अपराध में कारागार में निरुद्ध नहीं हैं बल्कि कम उम्र के कारण वे बाहर बिना मां के अकेले नहीं रह सकते इसीलिए उन्हें भी जेल में रहना पड़ रहा है।कारागार में रहते हुए उनके व्यक्तित्व विकास का कोई पहलू छूट न जाए इसका विशेष ध्यान रखा जाता है।उनके बालसुलभ खानपान-फल,दूध,चाकलेट, बिस्कुट, चिप्स, कुरकुरे, टाफी के साथ साथ खिलोने,साइकिल व झूले आदि की व्यवस्था की गई है।
इसी कड़ी में सभी बच्चों का जन्मदिन भी धूमधाम से मनाए जाने की शुरुआत की गई है।जिसके लिए सभी साज सामान जेल प्रशासन द्वारा मंगा कर बच्चे का जन्म दिन गीत संगीत के साथ केक काटकर मनाया जाता है।इसी कड़ी में 2 वर्ष के बालक मास्टर दक्ष का जन्म दिन मनाया गया। जिसमें जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने केक कटवाकर बच्चे को खिलाया। अन्य सभी बच्चों को केक,चाकलेट, चिप्स, कुरकुरे, टाफी दी गई। सभी महिला बंदियों को भी केक व मिष्ठान भेंट किए गए। महिला बंदियों द्वारा गीत संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। सर्वत्र खुशी का वातावरण तैयार हुआ। सभी बच्चे खुशी से झूम रहे तथा महिलाओं ने खुशी में जन्म दिन के गीत गाए। ज्ञातव्य है कि महिला बैरक में महिलाओ के लिए संगीत वाद्ययंत्रों की भी व्यवस्था की गई है।उक्त बालक का जन्म भी कारागार में ही हुआ था|