लखनऊ। जिले में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एक बार फिर से लखनऊ आबकारी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी की घटना का भंडाफोड़ करते हुए लाखों रुपये की शराब समेत दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई से एक बार फिर बिहार में शराब की आस लेकर बैठे हजारों लोग इससे अछूते रह गए। हाल ही में आबकारी विभाग की टीम ने कोरियर के माध्यम से होने वाली शराब तस्करी की घटना का भंडाफोड़ किया था। जिले में छोटे तस्करों के साथ बडे माफिया के खिलाफ लखनऊ आबकारी अधिकारी की चाणक्य नीति ने शराब माफिया के मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया है। बताया जा रहा है बरामद शराब की कीमत करीब 10 लाख रुपये है और इसी शराब को माफिया बिहार में बेच कर कम से कम 20 से 30 लाख रुपये की कमाई करते। शराब माफिया इतने बड़े शातिर है कि शराब की खेप को सोनीपत, हरियाणा से मुजफ्फरपुर, बिहार वाया दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़ गजरौला (अमरोहा), मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ होते हुए बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती व गोरखपुर के रास्ते मुजफ्फरपुर, बिहार लेकर जा रहे थे। मगर जैसे ही शराब से भरी गाड़ी को लेकर लखनऊ की सीमा में पहुंचे, वहां उनके स्वागत में तैयार बैठी आबकारी विभाग की टीम ने दबोच लिया।
पुलिस को चकमा देने के लिए माफिया ने मशीनरी के नाम से बिल्टी बनाई हुई थी। साथ पीछे शराब की पेटी और उसके आगे मशीनरी के पार्ट्स से छिपाया हुआ था। लखनऊ में जैसे ही गाड़ी को रोक कर आबकारी विभाग की टीम ने जांच की तो मशीनरी देख कर वह भी पीछे हट गई। जब कागजों की जांच की तो उसमें पता चला उक्त मशीनरी को बिहार लेकर जा रहे है। बिहार का नाम सुनकर आबकारी विभाग को शक हुआ और गाड़ी की जांच शुरु कर दी। जांच का नाम सुन गाड़ी में मौजूद तस्करों के भी हाथ-पैर फूल गए। जब आगे कुछ मशीनरी के पार्ट्स को हटाया गया तो उसके पीछे छिपाकर रखी शराब की पेटी बरामद हुई। जब पेटियों को निकालने का काम शुरू हुआ तो धीरे-धीरे शराब की पेटियां का जखीरा सड़क पर उतर गया। पूछताछ में तस्करों ने बताया कि वह उक्त शराब को बिहार में सप्लाई के लिए लेकर जा रहे थे। जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त रुपये भी मिलते थे। आबकारी अधिकारी की सख्ती के चलते शराब माफिया को बिहार में शराब भेजने के लिए कई बार अपने रास्तों को बदल चुकें है। आबकारी अधिकारी की चाणक्य नीति के आगे बड़े से बड़े शराब माफिया अपने घुटने टेक चुके है। क्योंकि उनका कार्रवाई करने का अंदाज अन्य अधिकारियों से बिल्कुल अलग है। जिस जिले में पहुंच जाते है, वहां तस्करों के लिए काल बन जाते है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया शुक्रवार देर शाम को मुखबिर से सूचना मिली की सोनीपत से शराब भरकर एक गाड़ी जिसका नंबर बीआर-01-जीएन-3320 लखनऊ के रास्ते मुजफ्फरपुर, बिहार जाने वाली है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारी ने आबकारी निरीक्षक अभिषेक सिंह के नेतृत्व में कौशलेन्द्र रावत, विजय कुमार, अखिल गुप्ता, शिखर मल्ल, राम अवध सरोज व संजीव तिवारी, प्रधान आबकारी सिपाही ओमकार नाथ पांडेय, सुधीर कुमार, अर्जुन सिंह, राघवेंद्र की टीम गठित की। आबकारी अधिकारी द्वारा गठित टीमों ने मुखबिर द्वारा बताए गए सूचना पर कार्रवाई करते हुए सीतापुर की तरफ से आने वाले नेशनल हाईवे पर इटौंजा से लखनऊ की ओर आने वाले नरेशन लॉन एंड बैंक्वेट हॉल के पास वाहनों को रोककर चेकिंग शुरू कर दी। आबकारी विभाग की चेकिंग को देख सोनीपत से शराब लेकर आ रहे तस्कर ने कुछ दूरी पर ही गाड़ी को रोक दिया। जैसे ही टीम को शक हुआ तो अन्य गाड़ी को छोड़ कुछ टीमें उक्त गाड़ी के पास पहुंची चालक टीम को देख घबरा गया। जब उससे गाड़ी में माल की जानकारी ली तो उसने बताया कि गाड़ी में मशीनरी के पार्ट्स है। जो मुजफ्फरपुर, बिहार लेकर जा रहा हॅू।
बिहार का नाम सुनते ही आबकारी विभाग की टीम को शक हुआ तो गाड़ी की चेकिंग कराने के लिए कहां। पहले तो चालक इधर-उधर की बात कह कर टाल मटौल करता रहा। जब टीम सख्त हुई और गाड़ी का सामान उतारना शुरु किया तो गाड़ी में आगे रखे मशीनरी के पार्ट्स के पीछे शराब की पेटियां निकालनी शुरु हो गई। जिसके बाद चालक (तस्कर) रमेश कुमार पुत्र कारू यादव व इंद्रजीत कुमार पुत्र देवेंद्र राम निवासी तेलमर नालंदा बिहार को हिरासत में ले लिया। टाटा डीसीएम से बरामद सभी पैकेटों को खोलने पर रॉयल स्टैग बैरेल सेलेक्ट ब्रांड की 1257 बोतल चंडीगढ़ मार्का और रॉयल स्टैग प्रीमियर ब्रांड की 421 बोतल हरियाणा मार्का कुल 1678 बोतल (750 एमएल) 1258.50 बल्क लीटर (139 पेटी और 10 बोतल) अंग्रेजी शराब और 19 हजार रुपये नगद बरामद किया गया। माफिया ने पुलिस से बचने के लिए मशीनरी के पार्टस के पीछे सफेद रंग के पैकेट में शराब की बोतल को छिपाया हुआ था।
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया बरामद शराब की कीमत करीब 10 लाख रुपये है। शराब माफिया इस शराब को बिहार में बेच कर कम से कम 20 से 30 लाख रुपये आसानी से कमा लेते। तस्करों से पूछताछ में पता चला कि पकड़ी गई शराब सोनीपत, हरियाणा से मुजफ्फरपुर, बिहार वाया दिल्ली, गाजियाबाद, हापुड़ गजरौला (अमरोहा), मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ होते हुए बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती व गोरखपुर के रास्ते मुजफ्फरपुर बिहार लेकर जा रहे थे। तस्करों के खिलाफ बक्शी का तालाब थाने में आबकारी अधिनियम एवं भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। साथ ही आबकारी निरीक्षकों को भी सख्त निर्देश दिए गए है कि अपने-अपने क्षेत्र में संघन चेकिंग अभियान चलाकर कार्रवाई करें। बाहरी राज्यों से आने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए दिन हो या फिर रात कार्रवाई करते रहे।