धनबाद : झारखंड में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन झारखंडियों का सिर तब गर्व से और ऊंचा हो जाता है जब यहां की बेटियां अपनी प्रतिभा का लोहा देश-विदेश में मनवाती है। लेकिन सरकार की उदासीनता प्रतिभावान खिलाड़ियों के हौसलों को तोड़ने का काम करती दिख रही है। धनबाद कि बेटियां जो फुटबॉल खेल में देश विदेश में झारखंड का नाम ऊंचा करती आई हैं उन्हें आज खेल छोड़ खेती की ओर रुख करना पड़ा है। धनबाद जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तोपचांची प्रखंड। जहां लक्ष्मीपुर गांव की दो होनहार महिला फुटबॉल खिलाड़ी सरकारी उदासीनता की शिकार हैं। दोनों महिला फुटबॉलर सगी बहनें हैं जिन्होंने ना सिर्फ देशभर में झारखंड का नाम रौशन किया बल्कि विदेशों में भी अपनी खेल प्रतिभा के जरिए देश का नाम ऊंचा किया है।
Related Posts

नेपाल सरकार के सीमा शुल्क बढ़ाने से भड़के भारतीय व्यापारी, किया विरोध प्रदर्शन
सिलीगुड़ी, । भारतीय बॉर्डर पर 100 रुपये से अधिक के सामान पर कस्टम ड्यूटी लगाने के नेपाल सरकार के फैसले…

जनरल मनोज पांडे अब नए आर्मी चीफ:एमएम नरवणे ने बैटन देकर पदभार सौंपा
जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को भारत के 29वें आर्मी चीफ के रूप में पदभार संभाला। जनरल एमएम नरवणे ने…

कोरोना के दौर में संसद का पहला सत्र: कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताई रणनीति
नई दिल्ली, एजेंसी: कोरोना महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र (Parliament’s Monsoon Session) आज से शुरू हो गया है।…