अच्छे शिक्षक का मार्गदर्शन ही शिष्य के जीवन की सफलता में निभाता है निर्णायक भूमिका: शास्त्री

मॉडर्न कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में मनाया गया शिक्षक दिवस

गाजियाबाद। शिक्षा का अर्थ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि अनुशासन में रखकर चरित्र निर्माण, सद्गुणी, संस्कारी एवं स्वच्छ विचार उत्पन्न करने का होता है। शिक्षक अपने ज्ञान और अनुभव से बच्चों में अच्छे संस्कार डालते है, जिससे वे अनुशासन के साथ जीवन के संघर्ष को प्राप्त शिक्षा से सरल बनाने की कला सीखते हैं। हालांकि बच्चों के जन्म के बाद प्रथम गुरु माता-पिता ही होते है, जो घर पर बच्चों में व्यवहारिक ज्ञान, संस्कार डालते हैं। लेकिन गुरू का स्थान माता-पिता से बढ़कर होता है। उक्त बातें मंगलवार को शिक्षक दिवस के मौके पर आनंद औद्योगिक क्षेत्र स्थित मॉडर्न कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, मोहन नगर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि पंडित विष्णु दत्त शास्त्री ने कहीं।

उन्होंने कहा एक अच्छे शिक्षक का मार्गदर्शन शिष्य के जीवन की सफलता में निर्णायक भूमिका निभाता है, इसलिए उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वह शैक्षणिक गुणवत्ता को बरकरार रखने में सक्रिय योगदान देने के लिए सदैव प्रयासरत रहे। जिससे कि सभी छात्र-छात्राओं के सुंदर भविष्य की नींव रखी जा सकें। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर निशा सिंह, महाविद्यालय के सचिव विनीत गोयल, मुख्य अतिथि पंडित विष्णु दत्त शास्त्री व सभी विभागों के विभागाध्यक्षों ने संयुक्त रुप से माँ सरस्वती व डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपनी कविताओं, उदबोधन, गीतों व विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपने शिक्षकों एवं प्राचार्या के प्रति आभार व्यक्त किया। तत्पश्चात सचिव व प्राचार्या द्वारा मुख्य अतिथि को प्रतीक चिन्ह व बुके भेंट करके सम्मानित किया गया।

महाविद्यालय की प्राचार्या ने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय समाज में गुरु का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि वह अपनी शिक्षा के माध्यम से देश की दिशा व दशा दोनों को बदल सकता है। महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों के सम्मान में उन्हें बधाई कार्ड व बुके भेंट किए। सचिव विनीत गोयल ने कहा जिस प्रकार किसी इमारत को मजबूती प्रदान करने के लिए उसकी नींव मजबूत बनानी होती है, ठीक उसी प्रकार बच्चों को छोटी उम्र से ही संस्कार डालने होते है, जो शिक्षक ही उसके उज्जवल भविष्य के लिए संस्कार, भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिकता की शिक्षा दे सकता है।

बच्चा अपने बाल जीवन में जो शिक्षा और संस्कार प्राप्त करता है, वह बच्चा उस शिक्षा के ज्ञान से अपने जीवन में आने वाले समस्याओं और कठिन परिस्थितियों का सरलता से सामना कर सकता है। बच्चों को भी चाहिए कि वे अपने गुरूओं का सदा आदर एवं सम्मान करें और उनके द्वारा सीखाये गये अच्छे संस्कार और ज्ञान का स्मरण रख जीवन में पालन करें। इस अवसर पर संस्थान के सचिव ने अपने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई दी।