अधिक कमाने के चक्कर में ई-रिक्शा चालक बन गया शराब तस्कर

गाजियाबाद। जिले में शराब तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम ने एक शराब तस्कर को गिरफ्तार किया है। जिसके कब्जे यूपी मार्का की शराब बरामद किया गया। पकड़ा गया तस्कर शातिर किस्म का है। जो कि दिन में लाइसेंसी शराब की दुकान से शराब खरीद लेता था और रात होने पर उक्त शराब को महंगे दामों बेचता था। दिन में ई-रिक्शा चलाता था और रात में शराब तस्करी करता था। पूछताछ में तस्कर का कहना था कि ई-रिक्शे में अधिक कमाई न होने के कारण वह दिन में ही विभिन्न दुकानों से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शराब एकत्रित कर लेता था और रात होने पर उक्त शराब को क्षेत्र के आसपास लोगों को बेच देता था। गुरुवार रात भी शराब के पव्वे लेकर बेचने की फिराक में था, मगर उससे पहले आबकारी विभाग की टीम ने दबोच लिया।

जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम का कहना है कि जिले में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन के खिलाफ विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत आबकारी विभाग की सभी टीमें अपने-अपने क्षेत्र में चेकिंग अभियान के साथ शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश दे रही है। साथ ही शराब की दुकानों के आसपास की दुकानों को भी रोज चेक किया जा रहा है। गुरुवार रात को आबकारी निरीक्षक त्रिवेणी प्रसाद मौर्य की टीम द्वारा थाना साहिबाबाद स्थित विभिन्न क्षेत्र में दबिश दी गई। दबिश के दौरान राजीव कॉलोनी में देर रात अवैध रूप से शराब तस्करी कर रहे नवीन कुमार पुत्र किशन दत्त निवासी ब्लॉक बी राजीव कॉलोनी साहिबाबाद को गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से मिस इंडिया ब्रांड देसी शराब के 50 पौवे यूपी मार्का बरामद किया गया।

जिसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेजा गया। पकड़ा गया तस्कर ई-रिक्शा चालक है, जो दिन में ही लाइसेंसी शराब की दुकान से शराब खरीद कर एकत्र कर लेता था और रात होने पर उक्त शराब को जैसे लाइसेंसी शराब की दुकान बंद हो जाती थी। उसके बाद अपने घर के आसपास के क्षेत्र में शराब तस्करी करता था। सभी आबकारी निरीक्षकों को निर्देश दिए गए है कि अपने-अपने क्षेत्र में मुखबिर तंत्र को मजबूत किया जाए। साथ ही रात में दुकान बंद होने के बाद शराब की दुकानों के आसपास खुली दुकानों की निगरानी रखें। जिले में अवैध शराब का कारोबार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा। साथ शराब विक्रेताओं की हरकतों पर नजर रखने के लिए लगातार दुकानों पर टेस्ट परचेजिंग की कार्रवाई भी करते रहे। जिससे नियमानुसार शराब की बिक्री हो सकें।