अवैध शराब के खिलाफ विभाग ने चस्पा किए पम्प लेट, लोगों को किया जागरूक

गाजियाबाद। जनपद में शराब का अवैध कारोबार रोकने के लिए आबकारी विभाग द्वारा हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। जिसके चलते शराब तस्करों की बेचैनी भी बढ़ी हुई है। आबकारी विभाग की विभिन्न टीमों ने ट्रांसपोर्ट नगर में गोदामों और औद्योगिक क्षेत्रों में बंद पड़ी फैक्ट्रियों में सघन छापेमारी की। इस दौरान कोई आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद नहीं हुई। कार्रवाई के उपरांत विभागीय अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टरों एवं उद्यमियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उनसे यह भी अपील की गई कि यदि अवैध शराब निर्माण से संबंधित कोई जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना तत्काल विभाग को उपलब्ध कराई जाए ताकि कड़ी कार्रवाई हो सके। जहरीली शराब के सेवन से मौत की घटनाएं प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए दिन सामने आती रहती हैं। ग्रामीण क्षेत्र में शराब माफिया अपने मुनाफे के लिए अवैध रूप से शराब का निर्माण करते है। जिसे रोकने के लिए आबकारी विभाग कार्रवाई तो करता ही है, साथ लोगों को अवैध शराब के खिलाफ जागरूक भी करता है। जिससे लोग अवैध शराब के सेवन से बच सकें।

उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त के आदेश के क्रम में डीएम एवं पुलिस आयुक्त के निर्देशन में अवैध मद्य निष्कर्षण एवं अवैध मदिरा व्यापार के विरूद्ध प्रवर्तन अभियान निरंतर जारी है। आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, आशीष पाण्डेय, राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, त्रिभुवन सिंह हंयाकी, अभय दीप सिंह, अनुज वर्मा की टीमों द्वारा गुरुवार को ट्रांसपोर्ट नगर साहिबाबाद में ट्रांसपोर्टरों के गोदाम, मेरठ रोड इंडस्ट्रियल एरिया, बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल एरिया, साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया में बंद पड़ी फैक्ट्रियों, प्लास्टिक का सामान निर्माता फैक्ट्रियों के अलावा संदिग्ध स्थानों का सघन निरीक्षण किया गया।

इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्ट संचालकों, उनके प्रतिनिधियों, फैक्ट्रियों में कार्यरत वर्करों व अन्य स्टाफ को इस बात के लिए भी निर्देशित किया कि अवैध शराब निर्माण से संबंधित कोई सूचना यदि किसी को प्राप्त होती है तो तत्काल आबकारी विभाग को सूचना उपलब्ध कराएं। बता दें कि ट्रांसपोर्ट नगर में गैरकानूनी तरीके से शराब के परिवहन की बुकिंग के मामले पूर्व में प्रकाश में आ चुके हैं।
जिसे ध्यान में रखकर आबकारी विभाग समय-समय पर ट्रांसपोर्ट नगर में चेकिंग अभियान चला रहा है। ट्रांसपोर्टरों को भी कई बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। उधर, जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि जनपद में अवैध शराब का निर्माण, बिक्री एवं परिवहन रोकने के लिए किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है। सभी आबकारी निरीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्र में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

शराब के शौकीनों की जिंदगी बचाने को आबकारी विभाग ने चलाई जागरूकता मुहिम
जिला आबकारी अधिकारी बताया जनपद में आबकारी विभाग लगातार पम्पलेट एवं प्रचार-प्रसार के माध्यम से ग्रामीणों क्षेत्र में अवैध शराब के घातक नतीजों के विषय में जागरूकता अभियान चला रहा है। अवैध शराब से सचेत करने के लिए संदेश लिखे पोस्टर जनपद में जगह-जगह टीम द्वारा चस्पा किए जा रहे हैं।

क्योंकि अवैध शराब में मिथाइल अल्कोहल की मिलावट हो सकती है। ऐसी शराब के प्रयोग से अंधेपन के साथ, आपकी जान भी जा सकती है। अवैध शराब के दुष्परिणाम के बारे में जनसाधारण को जागरूक करने के लिए लाउडस्पीकर से संदेश भी दिया जा रहा है। ताकि लोग जागरूक हो सकें। उन्होंने बताया शराब माफिया को मनमानी नहीं करने दी जाएगी। माफिया से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं।

सभी आबकारी निरीक्षकों को सतर्क कर दिया गया है। निरीक्षकों को विशेष प्रवर्तन अभियान के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन रोकने को चेकिंग पर जोर दिया गया है। संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की जांच हो रही है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाई गई है। इसके अलावा लाइसेंसशुदा शराब विक्रेताओं को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

अधिकारी कथन
जनता सस्ती व मिलावटी शराब पीने से परहेज करे। इच्छुक व्यक्ति केवल विभाग द्वारा आवंटित शराब की दुकानों से ही शराब खरीदें। सस्ती शराब के चक्कर में जान भी जा सकती है। मिलावटी शराब पीकर खुद के स्वास्थ्य के साथ और अपने जीवन से खिलवाड़ न करें। आवंटित शराब दुकान पर शराब लेते समय सील बंद, क्यू आर कोड देखकर ही शराब खरीदें।

अवैध शराब बिक्री की सूचना क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक को दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम भी विभाग द्वारा गोपनीय रखा जाएगा। इसके साथ ही अवैध शराब के निर्माण, बिक्री व तस्करी पर रोक लगाने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9454466019 के साथ पांच अंकों का एक टोल फ्री नंबर 14405 भी जारी किया गया है। शिकायतकर्ताओं को उसे याद रखने शिकायत दर्ज कराने में आसानी होगी। दोनों टोल नंबर निरंतर सक्रिय रहेंगे।