अस्पतालों और लैबों को नहीं है स्वास्थ विभाग का खौफ बिना पंजीकरण के ही चल रहे क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब

सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर। जिले में जगह जगह खुलेआम अवैध रूप से बिना पंजीकरण के ही अपने किलनिक और पैथोलॉजी लैब चला रहे संचालकों को स्वास्थ्य विभाग और कानून का खौफ मानो रह ही नहीं गया है।

जिसके चलते लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले यह फर्जी डॉक्टर और फर्जी पैथोलॉजिस्ट जहां एक तरफ मरीजों की जेब ढीली कर चांदी काट रहे हैं, और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के बाद भी खुलेआम फर्जी तरीके से अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब का संचालन कर रहे हैं ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर दाग लगना वाजिब है ।

बताते चलें कि विगत दिनों में स्वास्थ विभाग द्वारा झोलाछाप और अवैध पैथोलॉजी लैब के खिलाफ अभियान चलाकर जिले में बिना पंजीकरण के अवैध रूप से चल रहे काफी पैथोलॉजी लैब और अस्पतालों को चिन्हित कर उन्हें सील किया गया है ।लेकिन अब चौंकाने वाली बात यह है कि चंद दिनों बाद ही नियम और कानूनों को ताक पर रख इन फर्जी अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब के मालिकों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाई गई शील तोड़कर दोबारा से अपने चिकित्सीय संस्थान शुरू कर लिए हैं ।

मामले में बातचीत करने पर एसीएमओ डॉ एके भंडारी बताया कि जिन अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब वालों ने स्वास्थ विभाग द्वारा लगाई सील तोड़ दी है उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। और जिले में फर्जी तरीके से चलने वाले अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब के खिलाफ अभियान निरंतर जारी रहेगा।

आपको बता दें कि अनूपशहर रोड पर गांव जुलेपुरा स्थित दीपांशु पैथोलॉजी लैब को एसीएमओ के द्वारा कई दिन पहले सील किया गया था । वही अनूपशहर में लाइफ केयर हॉस्पिटल को भी सील किया गया था लेकिन इन दोनों संस्थानों के मालिकों ने स्वास्थ्य विभाग की सील को तोड़कर दोबारा से अपना कारोबार शुरू कर दिया है। वहीं सीएमओ विनय कुमार सिंह का कहना है कि जो भी अवैध रूप से अस्पताल और लैब संचालित जिले में चल रही हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा रही है और यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।