किसानों की आवाज दबाने का काम कर रही केन्द्र सरकार: चन्द्रशेखर
गाजियाबाद। जमीन के मुआवजे को लेकर आंदोलनरत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रभावित किसानों के आंदोलन में भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर भी कूद गए हैं। बुधवार को किसानों के दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का काम रोको आंदोलन में भाग लेने जा रहे चंद्रशेखर रावण व आजाद समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य निज़ाम चौधरी को मुरादनगर में ही रोक लिया। सीओ सदर धर्मेन्द्र चौहान, प्रभारी निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह आदि अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ गंग नहर के पास शिबली फैक्ट्री के पास बने यूटर्न के समीप पहुंचकर चन्द्र शेखर रावण के पहुंचने का इंतजार करने लगे। जैसे ही चन्द्रशेखर रावण की गाड़ी मोड़ पर पहुंचीं तो पुलिस ने बेरिकेटिंग लगाकर गाडिय़ों को रोक लिया। करीब एक घंटे की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने रावण को दिल्ली वापस जाने पर मजबूर कर दिया जिसके बाद मुरादनगर पुलिस उन्हें गाजियाबाद की सीमा तक छोड़ कर आई। चंद्रशेखर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज दबाने का काम कर रही है। वहीं, भोजपुर के गांव मुरादाबाद में किसान आंदोलन है। किसान एक परियोजना एक मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं।
एडीएम फाइनेंस और एसपी ग्रामीण किसानों से वार्ता कर रहे हैं। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय कोर टीम के सदस्य व किसान नेता सत्यपाल चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन के वायदों से मुकरने से दुखी किसानों ने विभिन्न राजनीतिक दलों के मुखिया से समर्थन की गुहार लगाई थी। आंदोलन में समर्थन की चि_ी आजाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर के पास भी पहुंची। किसानों की बात को उन्होंने गंभीरता से लिया है। एक्सप्रेस-वे के चलते अपनी जमीन खो चुके किसानों की मदद करने की उन्होंने बात कही है। चंद्रशेखर ने किसानों व क्षेत्र के लोगों द्वारा सड़क निर्माण कार्य बंद कराने को अपना समर्थन देते हुए आंदोलन में शामिल होने का आश्वासन दिया जिसके लिए वह मेरठ जा रहे थे लेकिन उन्हें और उनके साथियों को बीच में ही रोक लिया गया है। अब वह प्रशासन ने आगे जाने की अनुमति मांग रहे हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि किसानों और मजदूरों की लड़ाई में वह सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने किसानों को बार-बार आश्वासन देकर टरकाने की कठोर निंदा की। बता दें कि किसानों के इस आंदोलन को रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी समर्थन दे चुके हैं। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष ओमपाल सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार के झूठे वायदे के कारण किसानों को आज फिर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। वर्ष 2010 में चौधरी अजीत सिंह के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के कानून में बदलाव लाने के लिए दिल्ली जंतर-मंतर पर लाखों किसानो ने प्रदर्शन कर संसद का घेराव किया था। उन्होने बताया संघर्ष समिति से पूूर्व में किए गये वायदे को सरकार व प्रशासन सम्मान करें और उन्हें समुचित मुआवजा दें। ताकि एक्सप्रेस-वे का काम गति पकड़ सकें। किसान हित के हर संघर्ष में लोकदल हमेशा साथ है, किसानों को शोषण बर्दास्त नही किया जाएगा। इस मौके पर चौधरी तेजपाल सिंह, रविन्द्र चौहान, ओडी त्यागी, भूपेन्द्र बॉबी, कपिल चौधरी, सतीश राठी, सतेन्द्र तोमर, रणवीर सिंह, अमरजीत सिंह, इन्द्रजीत सिंह टीटू आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।