आखिर आयुषी को न्याय की तारीख कोर्ट ने तय कर ही दी देखते है कोर्ट क्या न्याय देती है आयुषी के पक्ष में

सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर । न्याय की राह में इंतजार कर रहे आयुषी के माता पिता को आखिर बुलंदशहर के पोक्सो कोर्ट से न्याय की तारीख मिल ही गई । बतादे कि बुलंदशहर के कोतवाली नगर छेत्र के गॉव चांदपुर निवासी एक छात्रा 2 जनबरी 2018 की शाम को बेटी आयुषी ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रही थी कि पहले से पीछा कर रहे आल्टो कार से जुल्फिकार अब्बासी , इजराइल उर्फ मनाली ओर दिलशाद तीनो सिकंदराबाद निवासी बताये जा रहे है ।

जिन्होंने घर के महज चन्द कदमो से आयुषी को ज़बरन आल्टो कार में डालकर ले गए ।आपराधिक घटना को अंजाम देने के बाद आयुषी को मारकर गौतमबुद्धनगर के बील अकबरपुर के रजवाहे में फेंक दिया जाता है । जिसकी शिनाख्त करते हुए बुलंदशहर पुलिस दुआरा साक्ष्यो के आधार पर अपराधियो को पकड़ लिया गया और इन्ही अपराधियों के बयानों में पूर्व एसएसपी बुलंदशहर मुनिराज के समक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस में , इस मामले के चलते की गई जानकारी में मालूम चला कि तीनो अपराधियों ने मीडिया ओर पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपना अपराध स्वीकार भी किया ओर घटना की वारदात को भी विस्तार पूर्वक बताया ।

इसी के साथ इनकी आल्टो कार से आयुषी के एक पैर की चप्पल ओर सिर के बाल जो लेब के अनुसार उसके माता पिता के डीएनए से मैच हो गए थे । साथ ही आयुषी के सिर का हेयर बैंड भी इसी आल्टो कार से बरामद किया जा चुका था । यानी सबूत भी बरामद ओर आरोपी ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया किन्तु भारतीय संविधान में न्यायालय ही सही गलत के निस्तारण के लिए न्याय दे सकता है । जबकि पुलिस के दुआरा दिए गए सभी एविडेंस तीनो को अपराधी सावित कर चुके थे । ओर अभी तक वर्ष 2018 से तीनों की जमानत को कोर्ट ने स्वीकार भी नही किया है ।

किन्तु न्याय की राह में भटक रहे पीड़ित आयुषी के माता पिता को बुलंदशहर के पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश से न्याय मिलने की तारीख बीस मार्च घोषित कर दी गई है । निश्चित ही कोर्ट इस मामले पर बीस मार्च को अपना फैसला सुना सकती है । जोकि हिंदुस्तान के इतिहास में यह फैसला सुनने के लिए देश भर की बहन बेटियां इंतजार करेगी ओर न्याय मिलने के उपरांत देश के संविधान और कोर्ट से न्याय मिलने के बाद अपने आप को महफूज समझेगी ।