आखिर एक पिता अपनी बेटी की दुखभरी दास्तान सुनाते सुनाते क्यों मिला जिले के कप्तान से

सुरेन्द्र भाटी@बुलंदशहर । थाना अगोता के ग्राम ढकोली निवासी मुन्ना ने अपनी बेटी सुमैय्या की शादी वर्ष 14 नवंबर 2016 में बुलंदशहर कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम बिरोडी ताजपुर में नजर मोहम्मद के पुत्र साजिद के साथ रची थी । मृतक बेटी सुमैय्या के पिता और भाई ने बताया है , कि शादी के महज कुछ दिनों उपरांत ही ससुराल पक्ष की ओर से उनकी बेटी को तानो के साथ साथ मारपीट करना साथ ही अतिरिक्त दहेज मांगने को लेकर उनकी बेटी को दिन प्रतिदिन प्रताड़ित करते रहते थे । इसी के साथ घटना के महज लगभग 45 दिन पहले भी झगड़े के चलते पुलिस इनके घर पहुची थी ,किन्तु ससुराल पक्ष को पुलिस दुआरा हिदायद दिए जाने के उपरांत विवाद को खत्म कर दिया गया ।

दिनाँक 2.10.2018 को मृतक बहू सुमैय्या के पिता को अन्य किसी के माध्यम से सूचना मिली कि तुम्हारी बेटी को मारपीट कर मार दिया गया है और एक्सीडेंट का बहाना बनाते हुए सड़क पर डाल दिया है जिससे कि घटना को रोड एक्सीडेंट में बदल दिया जाए ।और बाद में मृतक अवस्था मे जिला अस्पताल भी भेज दिया गया । जबकि इस सूचना को बहू के ससुराल वालों ने उसके मायके नही बताया । घटना के सम्बंध की जानकारी सुमैय्या के पीड़ित पिता और भाई ने उसी समय कोतवाली देहात में दी जिसके चलते आईपीसी की धारा 498 ए, 304 बी,201,3/4 में मुकदमा पंजीकृत भी किया गया । जिसके आधार पर पति सहित सात नाम दर्ज किए गए थे । जिला अस्पताल में मृतक अवस्था मे मिली सुमैय्या का वीडियो के आधार पर गले मे उभरे हुए निशान और सिर में चोट स्प्ष्ट नजर आ रही थी ।

किन्तु मृतक बेटी के परिजनों ने बताया है कि वर्ष 2018 में लिखी गई तहरीर के आधार पर एफआईआर तो दर्ज को गई किन्तु अभी तक कोई भी कार्यवाही पुलिस दुआरा नही हो पाई है । जिसकी जांच के विवेचना अधिकारी सीओ सिटी को बनाया गया था । बेटी के ससुराल पक्ष की ओर से सुमैय्या के पिता और भाई को धमकी भी दिए जाने की बात बताई जा रही है । वर्ष 2018 से पुलिस कार्यालय के चक्कर लगा रहे पीड़ित पिता और भाई ने बताया है कि हाल ही में 17 फरवरी को बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से जल्द कार्यवाही करवाने और बेटी को लिए न्याय दिलवाने हेतु पुनः प्रार्थना पत्र दिया है ।

किन्तु अभी तक कोई भी पूर्ण विराम पुलिस दुआरा नही हो पाया है । हालांकि बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार पीड़ित की सुनवाई हेतु तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए जाने के चलते चर्चाओं में जाने जाते है । किन्तु आखिर क्यों अभी तक इस विषय को सरकारी रिकॉर्ड की रददी में लपेटा गया इसकी जानकारी पुलिस के अलावा अन्य किसी को नही हो पाई है । क्या मृतक सुमैय्या और उसके पिता को इस विषय मे पुलिस दुआरा कार्यवाही न किये जाने के चलते न्याय मिल पायेगा या पुराने रिकॉर्ड में फ़ाइल दब कर रह जायेगी यह आने वाला समय ही तय करेगा ।