IN8@ वाराणसी: एक बार फिर भारत के चोथे स्तंभ से एक और पत्रकार का नाम इस दुनिया से मिट गया। रिपब्लिक भारत चैनल का संवाददाता रोहित श्रीवास्तव जो की रक्षाबंधन के अगले दिन से गायब हो गया था। परिवार द्वारा सिगरा थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी गई लेकिन इससे पुलिस के ढीलेपन कहे या कार्यकुशलता की तारीफ करें। पुलिस को लगातार साक्ष्य मिलते रहे फिर पुलिस मौन रही।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोहित श्रीवास्तव के फेसबुक आईडी पर रोहित श्रीवास्तव के फोटो अपलोड की जाती थी,जो कि लेडीज फ्रॉक व सुट में था। भला कोई पत्रकार लेडीज फ्रॉक सूट में खड़ा होकर फोटो खिंचाने के बाद क्यो अपने पर्सनल आईडी पर अपलोड करेगा।
फिर भी पुलिस आरोपी के चंगुल से पत्रकार रोहित श्रीवास्तव को छोड़ाने में नाकाम रही। लगातार परिवार द्वारा अपहरण की साजिश बताई जा रही थी। वही ट्रामा सेंटर पर रोहित श्रीवास्तव के पिता अपने आंखों में आँसू लिए खड़े रहे और पत्रकार साथी से केवल एक ही सवाल पूछते कि इसके पहले आप कहाँ थे यदि आप लोग जल्दी करते तो आज रोहित हम लोगों के बीच में मौजूद रहता।
लगातार मेरे द्वारा अपहरण करने की साजिश सूचना पुलिस दी जाती थी। उसके बाद भी पुलिस मौन रही। रोहित श्रीवास्तव के पर्सनल फेसबुक अकाउंट से फोटो होती रही। उसके बाद भी पुलिस ने साइबर क्राइम की सहायता नहीं ले सकी।
आज दोपहर अचेतावस्था में मिले रोहित श्रीवास्तव
सूत्रों के अनुसार गुरुवार दोपहर को घाट के पुल से रोहित श्रीवास्तव के कूदने की सूचना मिली। आनन फानन में परिवार व मित्र मौके पर पहुँचे जिससे पता चला कि रोहित के सर पर गंभीर चोटें लगी थी। वही रोहित को नजदीकी ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया गया। लगभग दो घंटे चले इलाज के दौरान मौत हो गई । अब परिवार वालो की निगाहें पोस्टमार्ट रिपोर्ट पर टिकी है।