आबकारी विभाग की टीम ने बिहार के शराब माफिया को दिया लाखों का झटका, नई कार से कर रहा था हरियाणा शराब की तस्करी

गौतमबुद्ध नगर। त्योहार के सीजन में जैसे-जैसे शराब तस्करी पर सख्ती कडाई हो रही है, तस्कर नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। ट्रेन और वाहनों से भले ही शराब की खेप ले जाने की बात अब पुरानी हो गई है। मगर आज भी तस्कर शराब तस्करी के लिए नए-नए तरीके खोज रहे है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हरियाणा शराब की खेप से भरी कार को जब्त किया है। हालांकि की टीम को देख गाड़ी में बैठे शराब माफिया समेत दो लोग गाड़ी को छोड़कर मौके से फरार हो गया। जांच में पता चला है कि फरार तस्कर बिहार का शराब माफिया है, जो कि हरियाणा और पंजाब की शराब बिहार में सप्लाई करता था। शराब तस्करी के लिए माफिया ने कुछ माह पूर्व ही नई कार को खरीदा था और उसी कार से शराब तस्करी कर रहा था। जैसे ही बुधवार तड़के आबकारी विभाग को सूचना मिली कि बिहार का शराब माफिया अपनी नई कार से हरियाणा की शराब लेकर गौतमबुद्ध नगर होते हुए बिहार जाने वाला है, सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारी ने शराब माफिया के खिलाफ फिल्डिग़ बैठा दी। बुधवार तड़के जैसे ही शराब माफिया गौतमबुद्ध नगर की सीमा में पहुंचा तो टीम को देख उसके हौश उड़ गए और वह गाड़ी को छोड़कर अपने साथी के साथ फरार हो गया। गाड़ी की चेकिंग करने पर आबकारी विभाग की टीम को लाखों रुपये की हरियाणा शराब बरामद हुआ है। दरअसल बाहरी राज्यों में शराब माफिया ज्यादातर रात में ही शराब तस्करी करते है, क्योंकि शराब तस्कर सोचते है कि जिस जिले में ज्यादा सख्ती है, वहां पर दिन के बजाए देर रात शराब तस्करी की जाए। मगर जिले में दिन हो या फिर रात शराब तस्करी को रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीमें 24 घंटे पहरा दे रही है। आबकारी विभाग की सख्ती का ही परिणाम है कि शराब तस्कर अपने मंसूबों में नाकामयाब साबित हो रहे है। आबकारी विभाग की सख्ती के बाद भी शराब के शौकीनों की बढ़ती डिमांड और इसमें अच्छी आय के कारण तस्करों का शराब से मोह भंग नहीं हो पा रहा है। शराब तस्करी के धंधे में शामिल लोगों के लगातार पकड़े जाने के बाद भी शराब की तस्करी जारी है। शराब पर पूरी तरह रोक के लिए आबकारी विभाग फोर्स की पैनी नजर है। इसके लिए जिले में लगातार छापेमारी चल रही है। बावजूद तस्करी रुक नहीं रही है। शराब तस्करों का लंबा नेटवर्क है। शहर से लेकर गांव तक इनका जाल फैला है। तस्करी के लिए इनमे अलग-अलग लेयर बने है। जिसके माध्यम से एक से दूसरे जगह तक शराब की खेप पहुंचाई जाती है। मगर शराब तस्करों को नेटवर्क को तोडऩे में गौतमबुद्ध नगर की आबकारी विभाग की टीम पूरी तरह से सफल हो रही है। शराब माफिया की सोच से दस कदम आगे बढ़ते हुए आबकारी विभाग की टीम ने लाखों रुपये की शराब को तो जब्त किया ही है, साथ ही तस्करी में प्रयुक्त नई कार को भी सीज कर दिया। जितने की शराब नहीं उससे ज्यादा कीमत की कार से शराब माफिया को हाथ धोना पड़ गया।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया त्योहार के चलते जिले में अवैध शराब के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीमें लगातार चेकिंग एवं दबिश दे रही है। बुधवार तड़के मुखबिर से सूचना मिली कि बिहार का शराब माफिया हरियाणा से शराब लेकर अपनी नई कार टाटा पंच से नोएडा -ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे होते हुए बिहार जाने वाला है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक चन्द्रशेखर सिंह की टीम गठित की गई। टीम द्वारा नोएडा -ग्रेटर नोएडा एक्सप्रवे पर वाहनों की चेकिंग शुुरु कर दी गई। तभी चेकिंग के दौरान टाटा पंच कार को चेकिंग के लिए रोका गया। टीम को देख कार मालिक अनिल कुमार प्रसाद पुत्र गणेश महतो निवासी वार्ड नंबर-1 सुरसंड मकुनाहिया राघरपुर सुरसंड सीतामढ़ी बिहार व उसका साथी गाड़ी को सर्विस रोड के किनारे खड़ी करके झाडिय़ों में भाग गए। जब टीम ने गाड़ी की तलाशी ली तो गाड़ी के अंदर से 100 पौव्वे रॉयल ग्रीन क्लासिक ब्लेंडेड व्हिस्की 180 एमएल फॉर सेल इन हरियाणा ओनली, 108 बोतलें रॉयल ग्रीन क्लासिक ब्लेंडेड व्हिस्की 750 एमएल फॉर सेल इन हरियाणा ऑनली, 192 सिग्नेचर रेयर एजेड व्हिस्की धारिता 750 एमएल फॉर सेल इन हरियाणा बरामद किया गया। कुल 400 बोतलें/पौव्वे बरामद किया गया। बरामद शराब की कीमत करीब दो लाख 80 हजार रुपये है। गाड़ी के अंदर से लिफाफे में रखे एक टैक्स इनवॉइस में वाहन मालिक अनिल कुमार प्रसाद का नाम लिखा हुया पाया गया। जिसको सम्मिलित करते हुए एवं एक अन्य सहायक अज्ञात  के खिलाफ थाना नॉलेज पार्क में मुकदमा दर्ज कराया गया। बरामद शराब को जब्त करते हुए तस्करी में प्रयुक्त कार को सीज कर दिया गया। जांच में पता चला कि कार मालिक अनिल कुमार प्रसाद बिहार का शराब माफिया है, और कई बार पूर्व में भी हरियाणा व पंजाब की शराब तस्करी कर चुका है। शराब तस्करी के लिए माफिया ने कुछ माह पूर्व ही नई कार टाटा पंच खरीदी थी। जिससे कि तस्करी के दौरान नई कार होने पर पुलिस की चेकिंग से आसानी बच सकें। अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग का अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।