गाजियाबाद। पर्सनैलिटी आर्किटेक्ट पूजा मिगलनी के नेतृत्व में गुरुवार को लोहिया नगर स्थित हिन्दी भवन में दो अंग्रेजी नाटकों का आयोजन किया गया। जिसमें पैंडेमिक के बाद हुए बच्चो और बड़ों के साइकलाजिकल बदलाव को दर्शाया गया। एव्रीवन सेज आई ऐम फाइन और टेक ऐन इनवर्ड ट्रिप नाटकों की प्रस्तुति में 7 वर्ष से 17 वर्ष तक के बच्चों ने हिस्सा लिया। पूजा मिगलनी द्वारा लिखित प्ले की स्क्रिप्ट को बहुत सराया गया। बच्चों ने ना केवल प्रस्तुति में भाग लिया। बल्कि इस नए नोर्मल सेलडऩा भी सीखा। सिटी मैजिस्ट्रेट गम्भीर सिंह ने विशेष अतिथि बन कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और सभी में अपने भाषण से नया जोश भर दिया।
सिटी मजिस्टेट ने कहा कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को कई साल पीछे धकेल दिया है। कोरोना का असर पूरी पीढ़ी पर कितने सालों तक बना रहेगा, इसे कोई नहीं कह सकता है लेकिन कोरोना ने इतने टीस दिए हैं जिनकी भरपाई भी मुश्किल है। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में रहे किशोरों के दिमाग में आमूल चूल परिवर्तन हो गया है। यानी जो परिवर्तन समय के साथ इंसानी दिमाग में होता है वह बदलाव किशोर उम्र में ही हो गया है।
मगर सफलता के पायदान पर आगे तभी बढ़ सकती हैं, जब उनमें किसी भी प्रकार का भय नहीं होगा। खुद को हालात के अनुरूप ढालने के लिए छात्राओं को सदैव तैयार रहना चाहिए। मतलब यह कि परिस्थिति प्रतिकूल हो, तो हार मानने की बजाए डटकर मुकाबला करना चाहिए। प्रतिकूल परिस्थिति का मतलब सिर्फ शारीरिक उत्पीडऩ से ही नहीं। मानसिक, आर्थिक या सामाजिक स्तर पर भी कोई प्रतिकूल परिस्थिति आ जाए, तो घबराने की बजाए धैर्य का परिचय देना चाहिए। ऐसा करने पर ही इन परिस्थितियों से उबरने का रास्ता निकलता है।
इस वर्ष पूजा मिगलनी ने अपनी अकैडमी इवॉल्व बीआंड द बेसिक्स के माध्यम से कम्पॉजिट गर्वमेंट स्कूल के छात्रों को भी मंच पर एक स्किट शेयरिंग नॉलेज-द फस्र्ट स्टेप टू ह्यूमानिटी द्वारा अपने मन की बात कहने का अवसर दिया। जिसके लिए पूजा मिगलनी ने इन बच्चों को अंग्रेजी की ट्रेनिंग भी दी। बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था जब पूजा मिगलनी ने सोसाययटी से इंटरनेट के माध्यम से इन बच्चों को पढ़ाने की विनती की। गंभीर सिंह ने इसकी बहुत सराहना की और सभी से इन बच्चों की पढ़ाई में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। सभी स्टूडेंट्स ने बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया।