-विद्युत विभाग की मनमानी या भ्रष्टाचार, 2 किलोवाट के कनेक्शन के लिए मांगा 1 लाख 35 हजार
प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। केन्द्र सरकार जहां उज्जवला योजना के तहत फ्री में घर-घर विद्युत कनेक्शन बांटने की योजना पर काम कर रही है तो वहीं गाजियाबाद में बिजली विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं को लूटने पर लगे हुए है। विभागीय अधिकारियों की मनमानी या लूट का आलम यह है कि महज दो किलोवाट के विद्युत कनेक्शन के लिए 1 लाख 35 हजार 537 रुपए मांगे गए है। हालांकि विद्युत निगम के अधिकारी अपने इस कारनामे को जायज ठहराने के लिए कोई न कोई तकनीकी पहलू बता देगें या फिर कोई कारण गिना देगें। लेकिन सवाल तो यह है कि क्या आम आदमी दो किलोवाट के कनेक्शन के लिए एक लाख रूपए दे सकता है। यह हालत तब है, जबकि उपभोक्ता के मकान से चंद मीटरों की दूरी पर विद्युत की लाइन गुजर रही है और आसपास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति हो रही है। 2 किलोवाट का विद्युत कनेक्शन लेने के लिए पीडि़त पिछले छह माह से इधर-उधर दौड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री से शिकायत करने के बाद विभाग ने सुध तो ली, मगर कनेक्शन के नाम पर भारी-भरकम एस्टीमेट बनाकर दे दिया। समाजसेवी ललित त्यागी विद्युत विभाग के उत्पीडन से त्रस्त हैं। ललित की आठ गज की दुकान है। उन्होंने छह माह पहले 2 किलोवाट के वाणिज्य कनेक्शन हेतु आवेदन किया था।
आरोप है कि विभाग ने पीडि़त को बेवजह चक्कर कटवाए जाते रहे। परेशान होकर ललित ने ऊर्जा मंत्री से शिकायत कर दी। तदुपरांत विद्युत विभाग एकाएक हरकत में आ गया। विभाग ने आवेदक को अब 1 लाख 35 हजार 537 रुपए का एस्टीमेट थमा दिया। यानि यह रकम जमा कराने के उपरांत उन्हें कनेक्शन मिल सकता है। ललित का कहना है कि दुकान से विद्युत पोल की दूरी लगभग 36 मीटर है। आरोप है कि उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। कनेक्शन स्वीकृत करने की बजाए खानापूर्ति हो रही है। ललित की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इतनी मोटी रकम का भुगतान कर सकें। उनका कहना है कि कनेक्शन देने के नाम पर विभाग में धांधली चल रही है। आरोप है कि पटेल नगर में विद्युत कनेक्शन के नाम पर 50 हजार रूपए की भी डिमांड की गई थी।