नई दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दो हफ्ते से अधिक समय तक सर्वर के डाउन रहने के बाद अब सभी डाटा को रिकवर कर लिया गया है और उन्हें नए सर्वर पर रिस्टोर कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि एम्स के सभी डाटा को रिकवर कर लिया गया है और सभी प्रभावित सर्वर को रिस्टोर कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह एक साइबर अटैक था और हैकर्स ने सर्वर को रिस्टोर करने के लिए किसी प्रकार की कोई फिरौती नहीं मांगी थी।
उल्लेखनीय है कि एम्स ने इस साइबर अटैक के संबंध में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर द्वारा संचालित पांच सर्वर को इस अटैक में नुकसान हुआ था। ई-हॉस्पिटल के सभी डाटा को बैकअप सर्वर में रिकवर कर लिया गया था और उसे नए सर्वर में रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि साइबर हमले के दो हफ्ते के बाद ई-हॉस्पिटल की सभी गतिविधियां जैसे मरीज पंजीकरण, अप्वाइंटमेंट, एडमिशन और डिस्चार्ज आदि फिर से बहाल हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया कि संस्थान के सभी डेटा को सुरक्षित करने के लिए एम्स द्वारा एंडपॉइंट हार्डनिंग, स्ट्रिंग फायरवॉल पॉलिसी और नेटवर्क सेगमेंटेशन जैसी सुरक्षा उपाय किए गए थे। उन्होंने बताया कि दिल्ली के अस्पताल पर बोझ कम करने के लिए प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत 22 नए एम्स बनाए जाने और सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक या ट्रॉमा सेंटर की स्थापना के साथ ही मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों या संस्थानों के अपग्रेडेशन के लिए 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि एम्स दिल्ली में रियल टाइम इमरजेंसी बेड उपलब्ध कराने के लिए डैशबोर्ड इन-हाउस विकसित किया गया है। एम्स के कंप्यूटर सर्वर पर हमला चीनी हैकरों ने किया था। एम्स दिल्ली ने पहली बार 23 नवंबर को अपने सर्वर में खराबी की सूचना दी थी। सर्वर की देखभाल के लिए ड्यूटी पर लगाए गए दो विशेषज्ञ को भी साइबर सुरक्षा के कथित उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिया गया था। 14 दिसंबर को एम्स ने बताया कि उसने पांच सर्वरों के डाटा को रिकवर कर लिया था।