भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट की सीरीज 1-1 से बराबरी पर है। आखिरी मैच 15 जनवरी से ब्रिस्बेन में होना है। वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के लिहाज से मैच महत्वपूर्ण है। हमारे प्रमुख तेज गेंदबाज चोट के कारण बाहर हैं। ऐसे में स्पिन गेंदबाजों से बड़ी उम्मीद है। हमारे स्पिनर्स ने पहले 3 टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसमें भारतीय स्पिनर्स ने 19 जबकि ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर्स ने 6 विकेट लिए हैं।
यानी हमारे स्पिनर्स ने तीन गुना अधिक विकेट लिए हैं। इसके लिए फर्स्ट क्लास का महत्वपूर्ण योगदान है। पिछले 5 साल की बात करें तो हमारे स्पिनर्स ने फर्स्ट क्लास के 42% ओवर फेंक जबकि ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर्स ने उनके घरेलू टूर्नामेंट में सिर्फ 25% ओवर फेंके हैं। यानी हमारे स्पिनर्स को अधिक मौका मिला। इसलिए उनका प्रदर्शन भी अच्छा रहा है।
पिछले पांच साल में घर में भी हमारे स्पिन गेंदबाज हावी रहे
1 जनवरी 2015 से टेस्ट में घर में स्पिन गेंदबाजों का प्रदर्शन देखें तो भारतीय गेंदबाज हावी रहे हैं। अश्विन ने 28 मैच में 22 की औसत से 159 विकेट जबकि रवींद्र जडेजा ने 28 मैच में 21 की औसत से 130 विकेट झटके हैं। ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन ने घर में इस दौरान 32 मैच में 123 विकेट लिए और औसत 33 का रहा। लायन की इकोनॉमी और स्ट्राइक रेट भी दोनों भारतीय स्पिन गेंदबाजों के मुकाबले ज्यादा ही रहा।
गेंदबाजों को आराम, ईशांत व भुवी की अच्छी वापसी
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई टीम इंडिया के तेज गेंदबाज चोट से परेशान हैं। शमी, उमेश और बुमराह चोट के कारण बाहर हो चुके हैं जबकि ईशांत चोट के कारण नहीं आ सके थे। इस बीच बुधवार को प्रैक्टिस के दौरान तेज गेंदबाजों काे आराम दिया गया। इस बीच टीम के लिए अच्छी खबर आई।
फरवरी-मार्च में टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंतिम सीरीज में इंग्लैंड से चार मैचों की सीरीज खेलनी है। इसके पहले ईशांत और भुवनेश्वर लय में दिख रहे हैं। दोनों आईपीएल के दौरान चोटिल हुए थे। टी20 मुश्ताक अली ट्रॉफी के दो मुकाबलों में दोनों ने 4-4 विकेट लिए हैं।