बाल-बाल बची जानें, कार्रवाई के लिए पीडि़त पहुंचे डीसी-डीआईजी दरबार
नप ईओ ने जांच कमेटी गठित कर तीन दिन के अंतराल में मांगी रिपोर्ट
संवाददाता@ जींद: जींद शहर के किले की दीवार का बारिश के कारण एक हिस्सा गिरने से तीन घर मलबे में तब्दील हो गये, जबकि अन्य चार घरों में भी नुकसान हुआ। घरों में रहने वाली जानें बाल-बाल बच गई, किंतु अजीत सैनी, मांगेराम और इंदरो देवी के घरों में रखा लाखों का सामान तहस-नहस हो गया। इस बड़े हादसे के कारण पीड़ा में आये परिजनों ने जहां डीसी डॉ. आदित्य दहिया और डीआईजी अश्विन शैणवी समक्ष मामले में दीवार के निर्माण कार्य से जुड़ेे संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की हैं। इसके अलावा डीसी से उचित मुआवजा भी दिलवाने की गुहार लगाई हैं। डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने इस मामले में जांच करवाने के साथ-साथ पीडि़तों को मदद देने का आश्वासन दिया हैं। रूपनगर में सैनी रामलीला मैदान के सामने हुए इस हादसे को नगर परिषद के ईओ डॉ. एसके चौहान ने कार्यकारी अभियंता के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर तीन दिनों के दौरान रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किये हैं। ईओ ने कहा कि जांच में यदि दीवार के निर्माण कार्य को लेकर कोई चूक सामने आई तो उस पर कार्रवाई करवाई जाएगी। डीसी और एसपी दरबार में पहुंचे रूप नगर के जोगेंद्र, दयाकिशन, मोहन राजपूत, सुभाष, मांगेराम, विजय सैनी, विद्यादेवी, रणबीर ने कहा कि किले के ऊपर महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क बनाया गया हैं। इसके चारों ओर जो दीवार बनाई गई थी, वह घनी बारिश के कारण तीन मकानों पर गिर गई। इसमें लोगों की जानें तो बच गई, किंतु सामान मलबे में तब्दील हो गया। यह हादसा यदि रात को होता तो काफी लोगों की जानें जाती। मकान मलबे में तब्दील होने से पीडि़त परिवार का बुरा हाल हैं। कोरोना के इस दौर में वे किसके यहां जाकर रहे, इस बात को सोचकर परेशानी बढ़ी हुई हैं। जोगेंद्र सिंह ने कहा कि किले की दीवार से बारिश के दिनों में पानी उनके घरों की ओर आता है। इसकी शिकायत वे प्रशासन को पहले दे चुके है। किंतु उनकी शिकायत को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसके कारण यह हादसा हुआ हैं। पीडि़त लोगों ने कहा कि उनको जो लाखों का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई मुआवजे के तौर पर सरकार तुरंत करवाये। इसके साथ-साथ इस घटना की पूरी जांच करवाते हुए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं।