प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। शहर से निकलने वाले कूड़े पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण करने और इंदिरापुरम समेत अन्य कॉलोनियों और स्थानों पर फैलने वाले कूड़े को नियंत्रित किया जाएगा। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने सोमवार को अपने कैंप कार्यालय पर कूड़ा निस्तारण के संबंध में अह्म बैठक की। बैठक में नगर निगम, जीडीए और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम शक्ति खंड-4 इंदिरापुरम में जीडीए द्वारा भंडारित घरेलू अपशिष्ठ को राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों के अनुक्रम में निस्तारित करने के लिए नगर निगम को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बायोरेमिडिएशन टैक्नोलॉजी का प्रयोग कर स्थल पर भंडारित लगभग 1.5 लाख टन कूड़े का निस्तारण कराया जाए। डीएम ने नगर निगम, जीडीए, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त समिति को जनपद में विभिन्न स्थलों पर भंडारित लिगेसी वेस्ट का चिन्ह्किरण आगामी 10 जुलाई तक करने के आदेश दिए। इसके अतिरिक्त राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में नवनिर्मित रेंजीडेंशियल सोसाइटीज से जनित ठोस अपशिष्ठ के सुचारू निस्तारण में उत्पन्न समस्याओं के मद्देनजर डीएम ने जीडीए को सोसाइटीज/बिल्डर्स से क्रय किए गए डवलमेंट चार्जेस के अंतर्गत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था को सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए। राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र को नगर निगम को हस्तानांतरित किए जाने को भी समिति गठित करने के आदेश दिए गए हैं। मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों द्वारा किए जा रहे भू-गर्भ जल के रेमिडिएशन का कार्य की समीक्षा हेतु डीएम ने संबंधित उद्योगों तथा तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ बैठक बुलाए जाने को कहा है। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कहा कि एनजीटी आदेशों के अनुपालन में नगर निगम द्वारा जिले में फाइटोरिमेडिएशन एवं बॉयोरेमिडिएशन के जरिए साफ किए जाने वाले 10 नालों को चिन्हित किए गए थे। इनमें से 5 नालों की डीपीआर तैयार करते हुए तकनीक को वैट कराए जाने के लिए शासन स्तर पर योजना भेजी गई हैं। मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों द्वारा तैयार किए जा रहे भू-गर्भ जल के रेमिडिएशन के कार्य की जिलाधिकारी ने समीक्षा करते हुए संबंधित उद्योगों एवं तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ बैठक बुलाने के निर्देश दिए। बैठक में जिलाधिकारी को क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी उत्सव शर्मा ने अवगत कराया कि मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष-2012 से किए जा रहे रेमिडिएशन कार्यों में 22 करोड़ का खर्चा किया गया हैं। मगर भू-गर्भ जल प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण के लिए आवश्यक है कि इस क्षेत्र की हाईड्रो ज्योलॉजी प्रशिक्षण कर ली जाए। ताकि ऐसी समस्या अन्य क्षेत्रों में न फैले। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी (नगर) शैलेंद्र कुमार सिंह, अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।
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