- शामली व झिंझाना में सडकों पर बैठे भाकियू कार्यकर्ता, जमकर नारेबाजी
- केन्द्र व प्रदेश सरकार पर लगाया किसानों की कमर तोडने का आरोप
दीपक वर्मा@शामली। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेशांे के विरोध में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन द्वारा गुरुद्वारा तिराहे पर चक्का जाम किया गया। भाकियू ने इन अध्यादेशों को किसानों की कमर तोडने वाला बताते हुए कहा कि किसान पहले से ही मुसीबतों का सामना कर रहा है, ऊपर से सरकार द्वारा किसान विरोधी अध्यादेश लाकर किसान की कमर तोडने का काम किया है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन अध्यादेशों को वापस न लिया गया तो भाकियू आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी। वहीं दूसरी और विपक्षी पार्टियों कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने भी चक्का जाम को अपना समर्थन दिया। चक्का जाम को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया था।
जानकारी के अनुसार पिछले केन्द्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि अध्यादेशों का पूरे देश के किसान संगठन व विपक्षी पार्टियां कडा विरोध कर रही हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, सपा भी विधेयकों को किसान विरोधी बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग कर रही है। भारतीय किसान यूनियन ने भी कृषि अध्यादेशों के विरोध में शुक्रवार को जिले में चक्का जाम का ऐलान किया था। अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भारी संख्या में भाकियू कार्यकर्ताओं ने गुरुद्वारा तिराहे पर सडक पर बैठकर चक्का जाम कर दिया तथा हंगामा प्रदर्शन शुरू कर दिया। भाकियू नेताओं का कहना था कि किसान पहले ही मुसीबतों का सामना कर रहा है, ऊपर से केन्द्र सरकार द्वारा किसान विरोधी अध्यादेश लाकर किसान की कमर तोडने का काम किया है। इन अध्यादेशांे से किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। मिल मालिक पहले से ही किसानों का करोडों रुपये का बकाया दबाए बैठे हैं, किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, कई किसानों ने तो परेशान होकर आत्महत्याएं तक कर ली है लेकिन सरकार किसानों की पूरी तरह अनदेखी कर रही है। सरकार पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। इन अध्यादेशों में किसान बडी कंपनियों के यहां बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाकियू इन अध्यादेशों को बर्दाश्त नहीं करेगी और यदि इन्हें वापस न लिया गया तो आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटा जाएगा। इस दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। दूसरी ओर भाकियू के चक्का जाम को देखते हुए विजय चैंक, धीमानपुरा रेलवे फाटक, गुरुद्वारा तिराहा पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, संजीव राठी, राजेश प्रधान, असजद, तालिब, गय्यूर, इमरान व आमिर आदि सहित सैंकडों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहें। वहीं कस्बा झिंझाना स्थित गाडीवाला चैराहे पर भी भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार किसान विरोधी है, सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि अध्यादेश किसानांे को पूंजीपतियों को बंधुआ मजदूर बना देंगे। किसान सर्दी, गर्मी, बरसात में दिन रात अपने खेतों पर काम कर देश का पेट भरता है लेकिन यह सरकार किसानों पर ही कुठाराघात कर रही है जिसे भाकियू बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हांेने कहा कि किसानों को बकाया भुगतान नहीं दिया जा रहा है, वहीं बिजली बिलों में भी वृद्धि कर दी गयी है। फसलों का वाजिब दाम नहीं दिया जा रहा है। यदि सरकार ने इन अध्यादेशों को वापस न लिया तो भाकियू आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक तीनों बिल वापस नहीं होते, चक्का जाम जारी रहेगा। इस अवसर पर देशपाल सिंह दरगाहपुर, नवीन, गयूर, मुनव्वर, बिट्टू, राजेश, लोकेन्द्र, नजाकत, सुजात, सद्दाम, शौकीन, वैसर आदि सहित भारी संख्या में भाकियू कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं दिल्ली-सहारनपुर हाइवे स्थित गांव लिलौन में भारतीय किसान यूनियन किसान सेना द्वारा भी चक्का जाम किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता विक्रांत चैधरी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।