नई दिल्ली ।केन्द्रीय सरकार के पीएम ई-विद्या प्रोग्राम के तहत सौ विश्वविद्यालय को आन लाइन कोर्सेज चलाने की मंजूरी प्रसंशनीय है, इस से ना सिर्फ इन कैम्पस बल्कि आफ कैम्पस विद्यार्थियों को आन लाइन डिग्री कोर्सेज के अवसर मिलेंगे और इस से डूवल मूड शिक्षा संस्थानों कि महत्त्वता और ज्यादा बढ़ जाएगी। यह बातें जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सेन्टर फॉर डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग के आनरेरी डायरेक्टर प्रोफेसर अहरार हुसैन ने अपने एक बयान में कही ।
प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में फिचर्रिसटीक एजुकेशन कि अपनी एक महत्वता है इस के तहत इन कैम्पस एंड रिमोट कैम्पस सिंकोरोनस मोड एक नया शिक्षा मोडयूल होगा जो कि समय के अनुसार अत्यंत आवश्यक है अतः इस ओर शिक्षा संस्थानों के जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए ताकि शिक्षा को और तरक्की का अवसर मिल सके।
प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि फेस टू फेस शिक्षा व्यवस्था के तहत जो कुछ क्लास रूम में होता है वही सब कुछ रिमोट कैम्पस या आफ कैम्पस के छात्रों को दिया जा सकता है हालांकि युजीसी के द्वारा भी रेगुलर और डिस्टेंस के पाठ्यक्रम को एक जैसा रखने के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं अतः ऐसे में रेगुलर क्लास को डिस्टेंस के छात्रों के लिए ओपन किया जाना चाहिए ताकि एक शिक्षा और एक पाठक्रम से लाभान्वित हो सकें।
प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि करोना वायरस का खतरा लम्बे समय तक रह सकता है इस लिए सरकार कि ओर से पीएम इ- विद्याया प्रोग्राम की शुरुआत प्रसंशनीय है इसलिए स्कूलों, कालेजों, युनिवर्सिटीयों को आन लाइन कि ओर ध्यान देना चाहिए और एक समय में फेस टू फेस और रिमोट कैम्पस के लिए खुद को तैयार करना चाहिए ताकि छात्र दोनों में से अपना आपशन तलाश कर सकें । इस से शिक्षा संस्थानों का फायदा भी होगा, एक ही इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों कैम्पस के लिए काफी होंगे । हालांकि शिक्षा संस्थानों को टेक्नोलॉजी से लैस होना पड़ेगा और क्लास रुम भी तैयार करने होंगे, इस से आसान शिक्षा और रोजगार के अवसर मिलेंगे।इस प्रकार की शिक्षा के बाद रेगुलर डिग्री, क्लाउड डिग्री और मोक्स डिग्री दीजाएंगी।