कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका ने एक बार फिर बड़ाई लोगों की चिंता

कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। डर इस बात का है कि क्या एक बार फिर अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचेगी और लोगों की नौकरियां जाने का खतरा बढ़ गया है?भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर अगस्त महीने में आ सकती है, और सितंबर में अपने चरम पर होगी। यानी कोरोना महामारी की तीसरी लहर आई तो फिर लॉकडाउन या कोरोना कर्फ्यू लगाने जैसे हालत पैदा हो सकते हैं और एक बार फिर सब ठप्प पड़ सकता है। जिससे लोगों की नौकरियां जाने और बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका है।करीब 1 करोड़ लोगों की नौकरी गईमार्च के आखिर में जब कोरोना के दूसरी लहर ने रफ्तार पकड़ी तो अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू की शुरआत हो गई।इससे करीब एक करीब लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई का डेटा के मुताबिक दूसरी लहर की वजह से करीब एक करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं।सीएमआईई ने अप्रैल में 1.75 लाख घरों का राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण पूरा किया जिसमें केवल तीन प्रतिशत ने कहा कि आय में वृद्धि देखी गई, जबकि 55 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आय में एक वर्ष में गिरावट आई, जिसमें कोरोना की दोनों लहरें जिम्मेवार है। 42 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आय एक साल पहले की तरह ही रही। वहीं 97 फीसदी घरों की आय कम हो गई।वहीं कोरोना की पहली लहर में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण मई 2020 में बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गई थी। वहीं इसका आकलन यह भी है कि बेरोजगारी दर अप्रैल में 8 प्रतिशत थी जो मई में 12 प्रतिशत रही। जिन लोगों की नौकरियां गईं उन्हें नया काम मिलने में मुश्किल आई और हालात अभी तक नहीं सुधरे हैं।नौकरी छूटने के लिए कोरोनावायरस की दूसरी लहर को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियां तो जल्दी आ जाती हैं लेकिन बेहतर गुणवत्ता वाले रोजगार के अवसरों को वापस आने में एक साल लगता है।