कोरोना संक्रमण से बचाना है सुरक्षित, 585 तक पहुंचा आंकड़ा

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव जिले में अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। फिलहाल जिले में 214 मामले कोरोना संक्रमित के है। वहीं, कोराना संक्रमित मरीजों का जिले में आंकड़ा-585 तक पहुंच गया हंै। शुक्रवार को 20 नए कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। सेक्टर-23 संजयनगर एम ब्लॉक में रहने वाले एक 45 वर्षीय युवक की कोरोना की चपेट में आने से देर रात अस्पताल में मौत हो गई। गुरूवार को कोरोना संक्रमित बुजुर्ग महिला और बुजुर्ग पुरूष की मौत हो गई थी। वहीं,कोरोना संक्रमित 24 मरीजों की पुष्टि हुई थी। वहीं,जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के साथ अब स्वस्थ्य होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। 12 जून तक 125 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। कोरोना संक्रमित रोजाना मरीजों के मिलने की वजह से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी हुई हैं। जिले में कोरोना संक्रमण की वजह से मरने वालों की संख्या 39 तक पहुंच गई है। वहीं,स्वास्थ्य विभाग ने इनमें से महिला-पुरूष को मिलाकर 16 की मौत की पुष्टि की है। सीएमओ डॉ.एनके गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को जिले में नए 20 मरीज कोरोना संक्रमित मिलने की पुष्टि हुई है। जिले में अब कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा-585 तक पहुंच गया है।सीएमओ डॉ.एनके गुप्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमित इन मरीजों में सेक्टर-23 संजयनगर,इंदिरापुरम, वैशाली,खोड़ा भौपुरा,कौशांबी, वैशाली, वसुंधरा, इंदिरापुरम,मोदीनगर,मालीवाड़ा,मुरादनगर,राजनगर एक्सटेंशन,तुलसी निकेतन और विजयनगर के लोग संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों को जिला संयुक्त अस्पताल और राजेंद्रनगर स्थित ईएसआई अस्पताल भर्ती कराया गया हैं। जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार मई के सापेक्ष कम हुई है। जिले की करीब 34 लाख की आबादी में सिर्फ 214 मामले हैं। इनमें से किसी की स्थिति गंभीर नहीं है। ज्यादातर में बुखार, खांसी, जुकाम और छींक के लक्षण नहीं है। तीन महीने में लिए गए 12710 सैंपलों में से 12145 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उप जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ.मिथलेश कुमार सिंह का कहना है कि एक महीने में 112 पॉजिटिव लोगों के 88 नजदीकी और स्वजनों की रिपोर्ट तक निगेटिव आई हैं। इनमें पत्नी, बच्चे और मां-बाप भी शामिल है। अब तक 351 ठीक होकर घर पहुंच चुके हैं। मई के मुकाबले जून में औसतन रोजाना ठीक होने वालों की संख्या दो गुनी हो गई है।