संवाददाता@ नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री निर्मला सितारमण ने इंस्टीट्यूशनल डिजिटलाइजेशन इन प्रोवाइडिंग आन लाइन डिग्री कोर्सेज और डिजिटल एजुकेशन के हवाले से बात की है जोकि पीएम ई-विद्या प्रोग्राम का अहम हिस्सा है इस के तहत भारत के सौ टाप विश्वविद्यालयों को आन लाइन कोर्सेज चलाने की अनुमति समेत 3.7करोड़ विधार्थीयों को शिक्षा दी जाएगी।
इस संबंध में अर्जुन सिंह सेन्टर फॉर डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग के आनरेरी डायरेक्टर प्रोफेसर अहरार हुसैन ने अपने एक बयान में कहा कि सौ विश्वविद्यालयों के चुनाव में सरकारी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों, स्टेट विश्वविद्यालयों के अलावा प्राइवेट और अल्पसंख्यक विश्वविद्यालयों को भी शामिल किया जाना चाहिए।हालांकि उन्होंने कहा कि डुअल मुड के तहत शिक्षा दिये जाने में विश्वविद्यालयों को कुछ समस्याएं पेश होंगी जिस के लिए इन कैम्पस टेक्निक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने होंगे। प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि आफ लाइन के लिए बहुत सारी क्वालिटी कंटेंट जिस में आडियो, विडियो, एनिमेशन और ई-कंटेट वर्चूवल लैब और लेक्चर वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे इस के लिए टिचींग एक्सपर्ट, टेक्निक एक्सपर्ट, और मैनेजमेंट एक्सपर्ट की जरुरत होगी, और इस तरह ग्रास इनरोलमेन्ट रेशियो बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने कहा कि आन लाइन टिचींग के जरिए इक्विटी एंड क्वालिटी आफ एजुकेशन मिल सकेगी और इन कैम्पस और आफ कैम्पस के विधार्थीयों को एक सम्मान शिक्षा का अवसर मिल सकेगा जो फेस टू फेस में दी जाती है और इन को रिकार्डेड मटेरियल इत्यादि भी मिल सकेगी। इस के अतिरिक्त आफ कैम्पस के विधार्थीयों के समस्याओं को हल करने के लिए डिस्कशन फार्म, शिक्षक विधार्थी इंस्ट्रक्शन आयोजित किया जाएगा और इसके लिए विश्वविद्यालयों को अपने यहाँ सिस्टम डेवलप करने हेतु अच्छे टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना चाहिए ताकि इस से विधार्थीयों को अच्छी शिक्षा दे सकें और आन लाइन का भविष्य और ज्यादा उज्जवल हो सके। प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि इस ओर हम अपने शिक्षा संस्थानों को विदेशी शिक्षा संस्थानों के साथ एम ओ यू साइन कर के अच्छा से अच्छा शिक्षा दे सकते हैं।हालांकि भारत कि आबादी के हिसाब से वर्चूवल विश्वविद्यालयों की स्थापना की जानी चाहिए ताकि हम ज्यादा लोगों को शिक्षा दे सकें ।प्रोफेसर अहरार हुसैन ने कहा कि कोविड 19 से पैदा हुई समस्याओं से निकलने के लिए आन लाइन शिक्षा अच्छा बदल होगा ऐसे में केंद्र सरकार का ई-विद्या प्रोग्राम सराहनीय पहल है अगर इस स्कीम को विश्वविद्यालयों के द्वारा सही-सही चलाया गया तो देश विदेश के विधार्थीयों को बहुत लाभ होगा।