क्या जिंदगी ऐसे ही चलती रहेगी


सुरेन्द्र भाटी@बुलन्दशहर
एक वायरस ने मचा दी है
सबकी जिंदगी में हलचल
सहमा सहमा सा रहता है हरपल
सालभर से रुका रुका सा है
खुशियों और उल्लास का हरक्षण‌ ।
वायरस आने से पहले
सबकुछ बहुत कुछ अच्छा सा
चल रहा था ।


जिंदगी मानो दौड़ रही थी
भाग रही थी ।
हर इंसा अपनी जिंदगी में
इतना मस्त था ।
किसी के पास समय नही था ।लेकिन अब
बिल्कुल शान्त व नीरस
सी हो गयी है जिंदगी
सुनसान व वीरान सा
हो गया है हर पल
कही भी जाने से
घबराता है आने वाला कल ।


कभी कभी तो ऐसा लगता है
पता नही कब चहरे की खुशी
गम में बदल जाये ।
जुदाई का पल हरपल सताता है
कामकाज से भी मन ऊबा ऊबा सा
रहता है ।
बस ।
दिल मे अजीब सी बेचैनी
सी रहती है ।


बेजार से रहने लगा है जीवन ।क्या जिंदगी ऐसे ही चलती रहेगी ।
क्या हरक्षण डर डर का जीना पड़ेगा ।
स्वरचित
मानसी मित्तल