-प्रभु यीशु मसीह का त्याग एवं बलिदान मानव जीवन के लिए प्रेम का प्रतीक: पूनम गौतम
-मानव कल्याण में यीशु मसीह ने दिया था बलिदान, उनके आदर्शो पर चल कर आगे बढ़े युवा: तनूजा
गाजियाबाद। प्रताप विहार स्थित गौतम पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शनिवार को बच्चों ने क्रिसमस की जमकर खुशियां मनाई। नन्हें-मुन्नों ने लोक नृत्य और क्रिसमस से जुड़े गीत आदि पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। उपहार में मिली टॉफी और चॉकलेट से सभी के चेहरे खिल उठे। स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों ने सभी को क्रिसमस की बधाई दी। बच्चों ने सांताक्लाज की पोशाक पहनीं। स्कूल में क्रिसमस ट्री को सजाकर भव्य रूप दिया गया। इसके साथ ही प्रभु यीशु मसीह की फोटो के समक्ष मोमबत्ती जलाकर खुशहाली की प्रार्थना की गई। जिसके बाद बच्चों ने डांस किया। विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं व एक्टिविटी का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने क्रिसमस के लिए सैंटा कैप, क्रिसमस स्टार, क्रिसमस ट्री, स्नोमैन इत्यादि बनाये। इस दौरान विद्यार्थियों ने सांता क्लॉज के भेष में टॉफी बांटते हुए सबका मन मोह लिया।
स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने बताया कि क्रिसमस डे शुभकामनाएं देते हुए बताया कि क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसंबर को पड़ता है, क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। क्रिसमस का त्योहार वैसे तो ईसाई धर्म से जुड़ा हुआ है, किन्तु यह विश्व में हर जगह लगभग सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है। क्रिसमस के आगमन पर पूरे विश्व में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है।
उप प्रधानाचार्या तनूजा ने बताया कि क्रिसमस डे यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। संत निकोलस को सांताक्लाज के नाम से जाना जाता है। संत निकोलस चाहते थे कि कोई भी व्यक्ति उदास ना हो इस वजह से हर क्रिसमस की रात को बच्चों को गिफ्ट में चॉकलेट बांटते थे। ईसाई धर्म की स्थापना हजरत ईसा मसीहा ने की थी। उन्होंने घृणा, ईर्ष्या, द्वेष और शत्रुता से युक्त विश्व को विश्व बंधुत्व, अहिंसा, प्रेम और सहिष्णुता का संदेश दिया था और इन्हीं शाश्वत सिद्धांत पर ईसाई धर्म की नींव रखी थी। पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए उन्होंने अपना बलिदान दे दिया था। आज पूरा विश्व उनके उपकार को मानता है।
क्रिसमस के आगमन से कई दिन पूर्व इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। सुंदर-सुंदर वस्त्र, खिलौने एवं अन्य कई प्रकार की सामग्री प्रदर्शित रहती है। इस अवसर पर जो वस्तु सबसे ज्यादा बिकती है वह है बधाई कार्ड । लोग सुन्दर और रंग बिरंगे बधाई कार्ड खरीदते हैं और मित्र तथा संबंधियों को भेजते हैं। उन्होंने कहा क्रिसमस की खास बात ये भी है कि बड़े व बुजुर्गों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार रहता है।
इसकी सबसे बड़ी वजहों में से एक है सांता क्लाज। इस दिन बच्चे सांता क्लॉज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लॉज उनके लिए तोहफे लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। छोटे बच्चे ये काम बड़े उत्साह के साथ करते हैं। एकेडमिक हेड चेतन शर्मा ने छात्रों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को सफल बनाने मे सभी शिक्षक गण का बहुत बड़ा योगदान रहा।