सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर जहांगीराबाद । छोटी काषी के नाम से जाने वाली अनूपशहर विधानसभा 67 सीट पर सपा गठबंधन,बसपा व भाजपा व कांग्रेस के बीच फसा है चुनाव। चारों ही दलों के प्रत्याशी व समर्थन अपनी जीत का दावा कर रहे है ।
370475 मतदाता वाली अनूपशहर विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव का ताज किस के सर पर बधेगा यह तो 10 मार्च को ही बता चलेगा लेकिन 10 फरवरी को हुए मतदान ने सभी दलोे के प्रतियाशियो की धड़कन तेज कर दी है।
अनूपशहर विधानसभा क्षेत्र मे चुनाव में जहां मुस्लिम व जाट मतदाताओं की पहली पसंद गठबंधन प्रतियाशी केके शर्मा की घडी रही है तो वही सर्व समाज के पसंद कमल रहा है तो वही दलितों व लोधी मतदाता की पसंद हाथी रहा है । नगर व क्षेत्र की बात की जाये तो यहा 70 हजार वोट मुस्लिम समाज का है जिसमें जहां मुस्लिम समाज ने अधिकतर प्रतिशत मतदान गठबंधन प्रतियाशी केके शर्मा के पक्ष में जाता नजर आया है तो वही सर्व समाज ने कमल को खिलाने की कौशीश की है।
नगर में चुनाव गठबंधन व भाजपा के बीच हुआ है तो क्षेत्र में हाथी की चाल ने चुनाव को त्रिकोणा बना दिया है वही कांग्रेस प्रत्याशी चौ0 गजेन्द्र सिंह व उनके समर्थक अपनी जीत का दावा कर रहे है कि जहां मुस्लिम व जाट व अन्य सभी समाज का मत एक तरफा हाथ के पंचे पर गया है जिससे कांग्रेस प्रत्याशी चौ0 गजेन्द्र सिंह की स्थिति मजबूत मानी जाती है।
वही भाजपा प्रत्याशी संजय शर्मा ने भी दावा किया है कि भाजपा को सर्व समाज का वोट मिला है जिससे मेरी जीत पक्की है। बसपा प्रत्याशी रामेश्वर लोधी ने दलित,लोध व मुस्लिम को अपने पक्ष में मानकर अपनी जीत मान कर चल रहे है।
तो एनसरपी,सपा,रालोद गठबंधन प्रत्याशी के0 के0 शर्मा जाट,मुस्लिम,ब्रहामण व गुर्जर व अन्य जातियों को अपने पक्ष में वोट देने का दावा कर अपनी जीत मान रहे है। लेकिन प्रत्याषियों की बातों मेे कितनी सच्चाई है यह तो 10 मार्च की तारिख को होने वाल मतगणना मेे ही बता चलेगा कि जीत का सहरा किस के सर बंधता है। सब की निगाहे अब 10 मार्च को होने वाल मतगणना पर टिकी हुयी है।
यदि इस सीट पर जातिगत नजर डाली जाये तो 70 हजार मुस्लिम,65 हजार दलित,50 हजार लोध,50 हजार जाट, 25 हजार ब्राहमण,15 हजार गुर्जर,15 ठाकुर,15 वैष्य बाकि अन्य मतदाता बताये जाते है। कांग्रेस प्रत्याशी चौ0 गजेन्द्र सिंह नेजाट,मुस्लिम समेत अन्य जातियों में सेधमारी करने मे सफल रहे है तो उनकी जीत का आकडा पार होता है।
गठबंधन प्रत्याशी के0के0 शर्मा ने यदि जाट मुस्लिम,ब्रहामण व गुर्जर समेत अन्य ताजियों में सेधमारी करने में कामयाब होते है तो उनकी जीत पक्की होगी। वही बसपा प्रत्याशी रामेषवर लोधी अगर दलित,लोधी,मुस्लिम व अन्य जातियों में सेंधमारी करने में सफल हो जाते है तो रामेषवर लोधी की जीत पक्की होती है।
वही भाजपा प्रत्याशी संजय शर्मा को 2017 में एक लाख 11 हजार के करीब मत मिले थे अब की बार भाजपा प्रत्याषी को अपनी जीत बरकार रखने के लिए अपनी वोटो का बिखराव रोकने में सफल रहे है तो उनकी जीत पक्की होगी। यह तो 10 मार्च को होने वाली मतगणना ही तय करेंगी की जीत का ताज किसके सर पर सजता है। चारों ओर यह चुनावी गुडाफाग करने का सिलसिला जारी है । सभी दलों के प्रत्याशी व समर्थक गुणा भाग कर अपनी अपनी जीरत का दावा करते नजर आ रहे है।