गाजियाबाद। जनपद को अवैध शराब के कारोबार से मुक्त करने के लिए पुलिस-प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है। वहीं कुछ लोग अपने फायदे के लिए पुलिस-प्रशासन पर झूठा आरोप लगाने से नहीं चूक नहीं रहे है। जिसमें अब कुछ पार्षद भी शामिल होने लगे है। पार्षदों को रेस्टोरेंट से महीना तो चाहिए ही साथ ही थाना-चौकी से भी महीना बांधने के लिए अपनी चाह रखते है। उनकी फरमाइस पूरी नही होने पर उन पर झूठा आरोप लगाने से भी नहीं चूकते है। जिसका उदाहरण उस समय देखने को मिला। अभी हाल ही में आबकारी विभाग की टीम इंदिरापुरम क्षेत्र दबिश देकर शराब तस्कर, रेस्टोरेंट संचालक समेत पांच आरोपियों को जेल भेजा था। इस कार्रवाई का अंजाम देने के लिए आबकारी विभाग की टीम को पूरी रात पहरा देना पड़ा था, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। मगर इस कार्रवाई को नजर अंदाज कर पार्षद आबकारी विभाग और पुलिस पर ही झूठा आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की साजिश कर रहे है। कुछ दिन पूर्व पार्षद कौशांबी कालोनी स्थित एंजेल मॉल परिसर में चल रहे पहला लीकर हाउस, दूसरा पेशेंस, तीसरा ब्लू, चौथा बैंग-बैंग रेस्टोरेंट में पहुंचे और वहां पर उन्होंने संचालक से महीना देने की डिमांड की।
जब उसने मना कर दिया तो फिर थाना व चौकी इंजार्च को गैर में लेने का प्रयास किया। जब वहां भी कुछ नहीं हुआ तो आबकारी विभाग की टीम को ही घेरने के लिए आरोप लगाना शुरु कर दिया। जबकि देखा जाए तो रेस्टोरेंट, होटल व बार में होने वाली शराब पार्टी के लिए ऑकेजनल लाइसेंस लेना जरुरी होता है। जिसके लिए आबकारी विभाग लाइसेंस जारी करने के लिए उनसे 11 हजार रुपए की शुल्क वसूलता है। इन सबसे आबकारी विभाग के राजस्व को ही फायदा होता है। दरअसल क्षेत्रीय पार्षद कुसुम गोयल की चाह है कि वह जिस तरह से सरकार को अपना राजस्व मिल रहा है, ठीक उसी तरह उन्हें भी हर माह अपना राजस्व मिलता रहे। अगर उन्हें यह सब नहीं मिलता है तो क्षेत्रीय जनता की मदद से बार व रेस्टोरेंट को बंद कराने का प्रयास करेंगे। वहीं पुलिस का कहना है कि कौशांबी क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गलत गतिविधियां नहीं हो रही है। समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है अगर किसी भी रेस्टोरेंट में इस तरह के आयोजन होते पाए जाते है तो आबकारी विभाग के साथ मिलकर संयुक्त रुप से कार्रवाई भी की जाती है।