बुलंदशहर। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की गंगा बहाने के साथ राजस्व वसूली के लिए भी जिला पंचायत जोर दे रहा है। साथ ही कर वसूली में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। पूर्व में अगर बुलंदशहर जिला पंचायत के कार्यों की बात की जाए तो विकास कार्य को छोड़कर इनकम के नाम पर रिजल्ट बेहद ही कम था। मगर इन दो सालों में जहां देहात क्षेत्र में हुए विकास कार्यों से वहां की सूरत बदली तो वहीं राजस्व वसूली में भी हर दिन बुलंदशहर जिला पंचायत प्रदेश की जिला पंचायतों में अपना कब्जा जमाए हुए है। भले ही राजस्व वसूली में अभी चौथे स्थान पर है, लेकिन हाल ही में जिला पंचायत ने शासन की ओर से निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के साथ उससे अधिक की वसूली की थी। को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ सरकारी खजाने को भरने में अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी अपनी अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे है। जिला पंचायत की आय बढ़ाने के लिए श्रोतों पर काम किया जा रहा है, जिनसेे जिला पंचायत की आय बढ़ सकें। देखा जाए तो जिला पंचायत के पाय राजस्व वसूली के कम श्रोत है। मगर इन्हीं कम श्रोतों से सरकारी खजाने को भरने में बिल्कुल भी चूक नहीं कर रहा है।
जिला पंचायत में आने वाले फरियादियों की समस्या के निस्तारण के लिए भी एक अलग प्लेटफार्म तैयार किया गया है। जिससे जिला पंचायत में आने वाले फरियादियों की अपनी समस्या के निस्तारण के लिए बार-बार चक्कर न काटने पड़े और घर बैठे उनका काम हो सकें। जिला पंचायत नगरीय निकायों को छोड़ अन्य ग्रामीण इलाकों से कर वसूली करती है। यह राशि विकास कार्यों में लगाई जाती है। अब तक कर निरीक्षक के माध्यम से वसूली होती थी। इसमें ब्लाकवार निरीक्षकों को क्षेत्र आवंटित कर रखे थे। इसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायतें आती थीं। भ्रष्टाचार की शिकायतों पर शिकंजा कसने के लिए अब पीओएस मशीन से कर वसूली की जा रही है। जिला पंचायत जिस तरह राजस्व वसूली में सबसे आगे बढ़ रहा है। ठीक उसी तरह विकास कार्यों और लोगों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई हो रही है।
राजस्व वसूली के मामले में बुलंदशहर जिला पंचायत प्रदेश में चौथे नंबर पर है। स्थिति यह है कि इस वर्ष नवंबर तक जिला पंचायत ने 4.28 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल किया है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 3.90 करोड़ रुपये था। पिछले वर्ष नवंबर माह की अपेक्षा इस वर्ष जिला पंचायत की टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है और 38 लाख रुपये की अधिक वसूली की है। जो कि शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य से इस बार भी 1.75 करोड़ की अधिक वसूली की है। जिला पंचायत की टीम खुद के रिकॉर्ड को तोड़कर अपने नए रिकॉर्ड का इतिहास रच रही है। जिला पंचायत की ओर से जिले में विभिन्न संपत्तियों से किराया और शराब की दुकानों से लाइसेंस फीस, व्यावसायिक संपत्ति से कर वसूली समेत अन्य प्रकार की वसूली की जाती है।
अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी का कहना है कि इस वर्ष में जिला पंचायत को 2.53 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य रखा गया था। इसके सापेक्ष विभाग की ओर से 4.28 करोड़ रुपये की वसूली की गई। बताया कि उनकी तैनाती के बाद पहली बार जिला पंचायत की ओर से शराब की दुकानों से लाइसेंस फीस की वसूली की गई थी। शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के साथ उससे अधिक वसूली करने का प्रयास किया जा रहा है। अब वसूली गई रकम से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य कराए जाएंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया का कहना है कि राजस्व वसूली के मामले में जिला पंचायत प्रदेश की शीर्ष पांच जिला पंचायतों में है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के लिए जिला पंचायत की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कर वसूली के लिए अभियान तेज किया गया है।