जिला पंचायत बना आत्मनिर्भर गांवों के विकास की बदली तस्वीर

बुंलदशहर। जिला पंचायत क्षेत्र में विकास को धरातल पर उतारने के साथ-साथ संवारने पर भी जोर दिया जा रहा है। पांच अमृत सरोवर भी बनाए जाएंगे। यह अमृतसर सरोवर ग्रामीणों के लिए पिकनिक स्पॉट हो जाएंगे। इसकी कवायद तेज हो गई है।

अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने विकास को लेकर महत्वपूर्ण योजनाओं को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है। इस योजना पर सरकार का भी समर्थन मिल रहा है। विगत कुछ वर्षों में बुलंदशहर जिला पंचायत की चर्चा एक बेजान, बेबस और लाचार सरकारी संस्थान के रूप में होती रही है। विगत वर्षों में जिला पंचायत की स्थिति बदली है। अब विकास को बढ़ाने के साथ-साथ जिला पंचायत को आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है। अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी को जिला पंचायत का  चार्ज संभाले भले ही करीब डेढ वर्ष हुआ है। मगर इन डेढ़ वर्ष में सकारात्मक माहौल दिखाई दे रहा है। अपर मुख्य अधिकारी ने विकास कार्यों को बढ़ाने के साथ विभिन्न स्रोतों से होने वाली आय पर अपना जोर दिया। जिसका परिणाम यह रहा कि बुलंदशहर जिला पंचायत उत्तर प्रदेश की पहली ऐसी जिला पंचायत बनी जिसे गुणवत्ता युक्त विकास कार्य करने और पर्यावरण के क्षेत्र में आईएसओ सर्टिफाइड जिला पंचायत घोषित किया गया।

बुलंदशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. अंतुल तेवतिया ने अपने तीन साल के कार्यकाल में उमदा कार्य किया है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को ग्रामीण विकास की अहम कड़ी बताया। साथ ही उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और गंभीर बने रहने की सीख दी। जिला पंचायत अध्यक्ष जिले भर की ग्राम पंचायतों का सर्वेसर्वा होता है। इसके जिम्मे पंचायतवार सड़क, सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं को जुटाने की जिम्मेदारी होती है। जिला पंचायत अध्यक्ष की सहमति के बाद ही कोई प्रस्ताव पारित होता है। इतना ही नहीं, जिलाधिकारी भी विकास कार्यो को जिला पंचायत अध्यक्ष की अनुमति से ही करवाता है। जिला पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों को कराने के साथ-साथ सफाई, शिक्षा व अन्य बुनियादी सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने में हमेशा अग्रसर रहती है। 129 करोड़ रुपए के जनपद में जिला पंचायत द्वारा गुणवत्तायुक्त विकास कार्य कराए गए। सरकार की योजनाओं से पात्रों को लाभान्वित कराना और शासकीय विकास कार्यों को गुणवत्ता युक्त तरीके से क्रियान्वित करते हुए जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाया गया। शासन से निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष उससे अधिक का राजस्व अर्जित किया है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में 72 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर उनका कायाकल्प कराया जा रहा है। समय-समय पर निरीक्षण कर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर साज-सज्जा के साथ-साथ बच्चों के लिए खिलौने, कुर्सियां, पानी के कैम्पर और पठन-पाठन सामग्री के उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाती है।

पांच अमृत सरोवर की सौगात
गांव के तालाबों की दिशा और दशा बदलने के लिए करोड़ों की लागत से बन रहे पांच अमृत सरोवर की सौगात दी है। इससे तालाब का सुंदरीकरण तो होगा ही जल संचयन में भी अमृत सरोवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तालाब को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि गांव के लोग सुबह-शाम यहां आकर अपना कुछ वक्त गुजार सकें। जल संरक्षण के साथ इसका फायदा पीढ़ी दर पीढ़ी के लोगों को मिलता रहे। तालाब को वर्षा का पानी सहेजने एवं भूगर्भ जलस्तर को बेहतर बनाने का प्रयास है। योजना के तहत तालाब के निकट सीढ़ी, बैठने के लिए बेंच, आउटलेट-इनलेट नाली निर्माण, सोलर लाइट, इंटरलाकिंग के साथ पोखरे के चारों तरफ खुशबूदार फल एवं छाया पेड़-पौधों लगाया जा रहा है। साथ ही चारों तरफ सीमेंटेड पोल व उस पर लोहे की बुनी जालियां लगाई जाएगी।

स्वच्छ भारत मिशन साकार किया सपना
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य, पर्यावरण, स्वच्छता अभियान संबंधी कार्य कराये जा रहे हैं। अमृत सरोवर, नाला/नाली व सामुदायिक शौचालय भी बनवाए है। जिससे लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हो सकें। स्वच्छ भारत मिशन का सपना तभी साकार होता है, जब ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी सफाई के प्रति जागरूक हो। ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए चलाई गई मुहिम आखिरकार सार्थक साबित हुई। अमृत सरोवर, नाला/नाली व सामुदायिक शौचालय का निर्माण से होने से ग्रामीणों को जिला पंचायत की इन योजनाओं का लाभ तो मिल ही रहा है और खुद भी सफाई के प्रति बेहद सजग नजर आ रहे है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में हाईमास्ट लाइट भी लगाई गई। साथ ही गली-गली सोलर लाइट को भी लगवाया गया। जिससे गांव दूधिया रोशनी से चमकते रहे।

जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ सरकार की योजनाओं का पात्रों को लाभान्वित किया जा रहा है। जिला पंचायत क्षेत्र का विकास व ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान ही हमेशा से प्राथमिकता रही है। ग्राम पंचायत के सभी लोगों का समान रूप से विकास करने का प्रयास किया जाता है। गांव को विकास की ओर आगे बढ़ाना मेरा लक्ष्य है। ग्राम पंचायत को मॉडल बनाया जाएगा। विकास कोई भी हो, उसकी शुरुआत गांव से ही होती है। इसलिए सभी ग्राम पंचायत को एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। विकास कार्यों के क्रियान्वयन पर अपना फोकस किया है। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाने, जल संरक्षण समेत कई कार्य है। विकास के लिए चलाई जा रही जनहितकारी योजनाओं को शासन के सहयोग से गांव तक पहुंचाना व योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन करते हुए जिला पंचायत को आत्मनिर्भर बनाने पर पूरा जोर है। जिसमें जिला पंचायत के सभी अधिकारी अपना ईमानदारी के साथ कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है।
डॉ अंतुल तेवतिया
अध्यक्ष, जिला पंचायत बुलंदशहर

जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्देशानुसार शासन की योजनाएं निष्पक्ष जन-जन तक पहुंचाने पर कार्य किया जा रहा है। विकास कार्यों को कराने के साथ-साथ जल संरक्षण के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना अमृत सरोवर योजना के तहत पांच तालाबों पर कार्य जारी है। अमृत सरोवर अभियान के तहत तालाबों का इस तरह से विकास किया जा रहा है। जिससे पर्यावरण संरक्षण और भू-जल संवर्धन में मददगार भी साबित हों। अमृत सरोवर में नालों एवं नालियों का गंदा पानी ना पहुंचे और सरोवर स्वच्छ एवं निर्मल रहे इसको लेकर विशेष फोकस किया जा रहा है। गांवों में स्वच्छता को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। अमृत सरोवर को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि वह भू-जल संरक्षण में मददगार होने के साथ-साथ ग्रामीणों के लिए पिकनिक स्पॉट बने। जिला पंचायत में ज्यादातर कार्य ऑनलाइन कर दिए गए है। जिससे लोगों को अपनी किसी भी समस्या के लिए कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें और साथ ही अधिकारियों को भी यही आदेश दिए गए है कि कार्यालय में आने वाली समस्याओं का निर्धारित समय में निस्तारण करें।
धर्मजीत त्रिपाठी,
अपर मुख्य अधिकारी
जिला पंचायत बुलंदशहर