जिले से शराब तस्करों का सफाया करने के लिए आबकारी अधिकारी बनाया एक्शन प्लान

-त्योहार के सीजन में शराब तस्करों की नहीं गलेगी दाल, बाहरी राज्यों की शराब तस्करी पर रहेंगी पैनी नजर

लखनऊ। त्योहार का सीजन शुरू होते ही जिले में आबकारी विभाग ने अपनी कार्रवाई को धार देने के लिए कसरत एक बार फिर से तेज कर दी है। वहीं जिला आबकारी अधिकारी भी इंस्पेक्टरों को शराब तस्करों से निपटने के लिए गुरुमंत्र दे रहें है। आबकारी विभाग का उद्देश्य अवैध कारोबार से जुड़े तस्करों पर करवाई कर आमजन को अवैध शराब के सेवन से बचाना है। जब तस्करों का जिले से सफाया होगा तो आमजन सुरक्षित रहेंगे ही साथ ही आबकारी विभाग के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
सोमवार को अपने कार्यालय में जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने आगामी त्योहार के चलते शराब तस्करों पर शिकंजा कसने के जहां एक तरफ आबकारी निरीक्षक इंस्पेक्टर शिखर, विजय शुक्ला, विवेक सिंह, रजनीश प्रताप सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, कृति प्रकाश पाण्डेय, अभिषेक सिंह, विजय राठी, सुभाष चन्द्र, अरविंद बघेल, कौशलेन्द्र रावत, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, रिचा सिंह के साथ बैठक करते हुए उन्हें कारवाई करने का तरीका समझाया, तो दुसरी तरफ उनकी क्लास भी ली।

आबकारी निरीक्षकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि आगामी दिनों में दशहरा का पर्व है और उसके बाद दिवाली एवं अन्य त्योहार भी आने वाले है। त्योहार में शराब तस्करी की अधिक संभावना रहती है। इसलिए अभी से अपनी कार्रवाई को अंजाम देेंं। सरकार ने आमजन को अवैध शराब के सेवन से बचाने और शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए ही हमें जिम्मेदारी दी है, अगर अपने कर्तव्यों पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निर्वहन नहीं कर सकते हो तो विभाग में आने का कोई उद्देश्य नहीं रह जाता है। शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए अपने मुखबिर तंत्र को मजबूत करने के साथ धरातल पर उतर कर काम करना होगा, तभी उसका रिजल्ट भी पॉजिटिव आएगा। चुनाव हो या फिर त्योहार इन दोनो में ही सबसे अधिक शराब तस्करी की आशंका रहती है, जिसके लिए अभी से कराई करनी होगी।

विभाग के राजस्व में वृद्धि तभी संभव हो सकती है जब तस्करों का जिले से सफाया हो, एक भी तस्कर अगर बाहर रहकर अवैध रूप से शराब तस्करी का रहा है तो समझ लीजिए विभाग के राजस्व में बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए तस्करों पर कार्रवाई के लिए अभी से सब एकजुट हो जाए। सभी अपने अपने क्षेत्र थाना पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर मिलकर तस्करों पर करवाई करें। अगर किसी भी इंस्पेक्टर के कार्यों में लापरवाही सामने आई तो बिना देरी किए उस पर करवाई होगी। उन्होंने कहा यह मत समझना कि विभाग की कारवाई सिर्फ तस्करों पर ही होती है, अवैध शराब के कारोबार में सह देने वाले भी उतने ही जिम्मेदार है जितने की शराब तस्कर है। जिले के सभी चेक पोस्ट, राजमार्ग, राष्ट्रीय मार्ग और लखनऊ जनपद से लिंक होने वाले सभी मार्ग पर निगरानी तेज कर दी जाए। मुखबिर तंत्र को सक्रिय रहने के लिए कहा जाए। इसके अलावा सेहत क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता अभियान चलाया जाए और लोगों को अवैध शराब के खिलाफ जागरूक किया जाए। लोगों की जागरूकता से शराब तस्करों पर कार्रवाई कि जाए।

ट्रांसपोर्ट नगर, कोरियर डिपो पर रखें विशेष नजर
शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर और कोरियर डिपो पर भी निगरानी बढ़ाई जाए। अवैध शराब के कारोबार से जुड़े माफिया शराब तस्करी के लिए कोई भी रास्ता अपना सकते है। ट्रांसपोर्ट और कोरियर के जरिए भी लखनऊ के अलावा अन्य जिलों और बिहार में शराब तस्करी करने की फिराक में रहते है। किसी भी हाल में शराब तस्करी नही होनी चाहिए, अभियान चलाकर लगातार कार्रवाई करें और संचालकों को भी सख्त चेतावनी दी जाए की कैरियर के जरिए या फिर ट्रांसपोर्ट नगर में वाहन के जरिए कोई भी संदिग्ध पैकेट आता है तो इसकी सूचना आबकारी विभाग को दें।

राजमार्ग व राष्ट्रीय मार्ग पर 24 घंटे की जाए वाहनों को चेकिंग
जिला आबकारी अधिकारी ने बैठक में इंस्पेक्टरों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए आबकारी विभाग कि टीम संयुक्त रूप से अभियान चलाकर दिन और रात वाहनों के चेकिंग कारें। किसी भी वाहन को बिना अच्छी तरह से चेक किए बिना लखनऊ में प्रवेश नही दिया जाए। इसके साथ वाहन चालकों को भी अवैध शराब के खिलाफ जागरूक करते हुए करवाई का दर दिखाया जाए। जिससे बाहर से आने वाले लोग भी तस्करी की कार्रवाई से डरे।

जेल से छूटकर आए शराब तस्करों पर बढ़ाई जाए निगरानी
जिले में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त तस्करो।पर शिकंजा कसने के लिए करवाई का दायरा और बढ़ाना होगा। अवैध शराब के मामले में अभी तक आबकारी विभाग द्वारा कि गई कार्रवाई में जितने भी तस्कर जेल गए है और और जेल से छूटकर आए है उन पर भी निगरानी बढ़ाई जाए। घर पर दबिश के साथ आस पड़ोस के लोगों से भी पूछताछ की जाए कहीं जेल छुटने के बाद फिर से तो अवैध शराब का धंधा तो नहीं कर रहा है। ऐसे तस्करों पर करवाई के लिए शराब तस्करों के लिस्ट तयार की जाए और उन पर नजर भी रखी जाए।

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