गाजियाबाद। नगर निगम की शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में विकास कार्यों को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। नगर निगम बोर्ड की बैठक 11 बजे शुरू हुई मगर कोरम पूरा नहीं होने के कारण 15 मिनट के लिए बैठक को स्थगित किया गया। जिसके बाद हंगामा तब शुरू हुआ जब पार्षद मनोज चौधरी ने कहा कि जब सदन में बोर्ड पास कर चुका है कि प्रत्येक वार्ड में 60 लाखों रुपए के विकास कार्य होंगे तो यह अब तक क्यों नहीं कराया गया।
पार्षद सुनील यादव ने कहा कि उनके वार्ड में पानी की सप्लाई के लिए पाइप डाले जा रहे हैं। सड़क को कौन ठीक कराएगा। पार्षद आनंद चौधरी ने नगर आयुक्त पर आरोप लगाया कि वह कैंप ऑफिस पर नहीं मिलते हैं। पार्षद अर्चना शर्मा ने लाइट की लचर व्यवस्था का मुद्दा उठाया। इन सब का जवाब नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने चार्ज लिया तब 350 करोड़ों रुपये नगर निगम पर बकाया था। अब 230 करोड़ रुपए रह गया है। जो वर्क आर्डर हो चुके हैं उन पर विकास कार्य तेजी के साथ कराने का प्रयास है।
जिसके बाद पार्षद अनिल स्वामी ने जल निगम द्वारा किए गए कार्यों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जलकल विभाग का ठेकेदार जो काम 18 लाख रुपए में करता है वही काम जल निगम 35 लाख रुपए में कर रहा है। उन्होंने कहा है कि कई ठेकेदार ऐसे हैं जिनका भुगतान तक नहीं हो पा रहा है। इस दौरान नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने कहा कि मुझ पर पहले ही 30 हजार के विज्ञापन का दबाव बनाया जा रहा था। मैंने विज्ञापन नहीं दिया तो मुझ पर आरोप लगाए गए। इस पर अनिल स्वामी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैंने एक पत्रिका के लिए विज्ञापन मांगा था। नगर निगम बोर्ड की बैठक में पूरक बजट पेश हुआ।
नगर निगम ने सदन में जो बजट पेश किया उसके हिसाब से 1401 करोड़ 45 लाख रुपये की आय और 1344 करोड़ 47 लाख के व्यय का बजट पेश किया गया। नगर निगम प्रशासन ने बजट में प्रारंभिक अवशेष 452 करोड़ 97 लाख रुपये दर्शाया गया। जबकि विशुद्घ आय 948 करोड़ 48 लाख रुपये दिखाई गई। इस तरह से कुल मिलाकर आय 1401 करोड़ 45 लाख दिखाई गई है। नगर निगम ने जो व्यय दिखाया है वह 1344 करोड ़ 47 लाख रुपये दर्शाई गई है।
इस तरह से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए रिजर्व पैसा 569 करोड़, 88 लाख रुपये का अनुमान लगाया गया है। कुछ संशोधनो के साथ कार्यकारिणी ने इस पूरक बजट को पास कर दिया था। उसके हिसाब से राजस्व से आय 285 करोड़, लाइसंस से 13 करोड़, 30 करोड, 60 लाख, किराया से 119 करोड़ आदि मद में कुल 948 करोड, 48 लाख रुपये की आय दिखाई गई है। इसी तरह से व्यय सार भी सदन में पेश किया गया। सार्वजनिक निर्माण पर 163 करोड़, 73 लाख, वॉटर सप्लाई और सीवर निस्तारण पर 84 करोड़ 55 लाख, प्रकाश व्यवस्था पर 19 करोड़ 70 लाख, सॉलिडवेस्ट आदि पर 189 करोड़ रुपये का व्यय दिखाया गया। इस तरह से कुल आय 1344 करोड, 47 लाख रुपये आय दिखाई गई है।
सदन अब चौक गया जब पार्षद एसके महेश्वरी बीमार होने के बावजूद स्ट्रेचर पर नगर निगम सदन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि मेरे वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है मैं इसीलिए अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद इस स्थिति में मुझे सदन में आना पड़ा है। उन्होंने यहां तक कहा कि मैं नहीं आता तो क्या मैं आत्महत्या कर लूं। यह सुनकर सभी सदस्य चौक गए। मेयर और नगर आयुक्त दोनों ने उनको आश्वस्त किया कि उनके रुके हुए विकास कार्यों को कराया जाएगा।