IN8@तावडू : सरकार द्वारा ऑनलाईन खरीदी जा रही बाजरे की फसल किसानों की जी का जंजाल बनी हुई है। इस ऑलाईन खरीद से किसानों को न केवल शारीरिक, आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड रहा है। किसान प्रतिदिन मंडी में आकर पूछता है कि मेरा नंबर कब आएगा। जिसका जवाब उसे नहीं मिल पाता। क्योंकि प्रशासन ही नहीं जानता कि कब किसका नंबर आएगा। किसानों को सप्ताह चुनने के बाद भी उसी सप्ताह में नंबर न आना भी उनकी परेशानियों का कारण बन रहा है।
प्रतिदिन आने वाले रोस्टर में केवल नाम अंकित होता है, रोस्टर में न तो गांव, न ही मोबाईल नंबर और न ही पिता का नाम आता है। जिस कारण किसान अपना नाम देखकर मंडी चला आता है और देखता है कि उसके नाम वाले अन्य किसान भी आए हुए हैं। रामकुमार, समय सिंह, मामराज, सुखबीर सिंह, हरकेश, हंसराज, कृष्णलाल, जगदीश चंद, रोहताश, उसमान, खलील, खुर्शीद, लाल सिंह आदि किसानों का कहना था कि जब सरकार ऑनलाईन खरीद नहीं कर सकती तो क्यों उन्होंने ऐसा सिस्टम बनाया है।
वहीं किसानों का कहना था कि जिस किसान के पास एसएमएस से सूचना मिल जाती है, उसका 1 दिन में मात्र 40 क्विंटल बाजरा ही खरीदा जाता है। जबकि उसका बचा हुआ बाजरा दोबारा नंबर आने पर खरीदे जाने का अंदाजा होता है। जिससे उसे शारीरिक , मानसिक व आर्थिक पीडा उठानी पडती है ।