चंडीगढ़ : इन दिनों दक्षिणी हरियाणा की राजनीति में भूचाल आया हुआ है एक तरफ जहां दक्षिण हरियाणा के राजा कहे जाने वाले राव इंदरजीत अपनी राजनीतिक विरासत संभालने में लगे हैं तो वही नांगल चौधरी के विधायक डॉ अभय सिंह यादव अपनी लोकप्रियता बचाने की कवायद में लगे हैं।
विधायक अभय सिंह यादव का मंत्री ना बनने का विषय भी राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। इसी बीच 16 जनवरी को राव इंदरजीत सिंह की पुत्री आरती राव का नांगल चौधरी के गांव नायन में होने वाला कार्यकर्ता सम्मेलन भी सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों दिग्गज नेताओं के समर्थक सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर कटाक्ष करते नजर आ रहे हैं।
7 साल Vs 70 सालइसमें कोई संदेह नहीं की तकरीबन 7 साल : विधायक रहते हुए अभय सिंह यादव ने काफी लोकप्रियता हासिल की और जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है तो वही 70 वर्षों की राजनीति में रामपुरा हाउस की लोकप्रियता भी कम नहीं हुई राव बिरेंदर के बाद जिस तरह से राव इंदरजीत ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभाला उनकी लोकप्रियता और बढ़ने लगी वही कार्य अब राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव करने की कोशिश में जुटी है अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए शुरुआत भी नांगल चौधरी के रण क्षेत्र से करने की कवायद में है आरती राव।जमकर चल रहा पोस्टर वारजिस तरह से विधायक अभय सिंह यादव के समर्थकों ने नए साल पर शुभकामनाएं दी उन पोस्टरों से साफ अभय सिंह यादव की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है वहीं आरती राव 16 जनवरी को कार्यकर्ता सम्मेलन कर अपनी लोकप्रियता दर्शाने की कोशिश करेगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो आरती राव नांगल चौधरी से विधानसभा का चुनाव भी लड़ सकती है लेकिन एक बात तो तय है चाहे जो भी हो आगामी विधानसभा चुनाव में नांगल चौधरी सीट पर दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है यह तो वक्त और यहां की जनता ही तय करेगी कि किसके हाथ में होगी सत्ता की चाबी और किसके हाथ से फिसलेगी सत्ता।