दिल्ली सरकार तुरंत उच्च स्तरीय समिति बनाकर शरारती तत्वों को दी गई ढिलाई का सच सामने लाए : जीके

IN8@ नई दिल्ली। दिल्ली में तेजी से सामाजिक भाईचारे के माहौल को बिगाड़ने की शरारती तत्वों द्वारा की जा रही कोशिशों के खिलाफ जागो पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भेजा है। उक्त पत्र की काॅपी केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह एंव दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव को भेजी गई है।

पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने इस बारे पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि लगातार दिल्ली में 26 जनवरी की परेड के बाद सिखों के खिलाफ जहरीला प्रचार मीडिया एवं सोशल मीडिया पर किया जा रहा है। जिसके कारण सिखों के जान-माल पर खतरा पैदा हो गया है। दिल्ली की कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के 11 डीएम एवं 33 एस.डी.एम की है। परन्तु पुलिस के साथ तालमेल करने की बजाए प्रशासन सोया हुआ लगता है।इसका सबसे बड़ा उदाहरण कल गुरुद्वारा शीशगंज साहिब के बाहर एवं गुरु तेग बहादर मेमोरियल, सिंघू बार्डर के अंदर हुई हुल्लड़बाजी है।

जीके ने कहा कि गुरुद्वारा शीशगंज साहिब के बाहर जानबुझ कर एकत्र हुई भीड़ द्वारा सिखों के खिलाफ चिल्लाते हुए नारेबाजी की गई। यदि भड़काहट में सिख उकसावे में आ जाते तो उस क्षेत्र की शांति खराब हो सकती थी। इसी प्रकार कल सिंघू बार्डर में 8-10 पुलिस वालों ने एक सिख नौजवान को हिरासत में लेने की बजाए उसकी बुरी तरह से पिटाई की। उसके कपड़े फाड़ दिये गये, पगड़ी फेंक दी गई, बालों से घसीटते हुए जानवरों की तरह मारा-पीटा गया।

परन्तु दिल्ली सरकार के डीएम ने किसानों पर पत्थर और लाठीयां बरसा रहे शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का पुलिस को कोई आदेश नहीं दिया। दिल्ली पुलिस एंव रेपिड एक्शन फोर्स तमाशबीन बनकर खड़ी रही। जबकि भीड़ ने गुरु तेग बहादर मेमोरियल में भी बेखौफ तोड़-फोड़ की। इसी प्रकार दिल्ली सरकार ने एक ओर किसानों को आंदोलन करने के लिए पहले बुराड़ी में बैठने की मंजूरी दी।

परन्तु बाद में अपनी दी हुई मंजूरी को खारिज कर किसानों को वहां से भगा दिया। जिन किसानों ने हटने से इन्कार कर दिया पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जीके ने कहा कि दिल्ली प्रशासन के सुस्त व्यवहार के चलते दिल्ली में सिखों के खिलाफ दंगों के हालात बन रहे हैं। इसलिए सरकार को शरारती तत्वों को काबू करने के लिए चौकन्ना होने की जरूरत है। साथ ही दिल्ली सरकार तुरंत उच्च स्तरीय समिति बनाकर शरारती तत्वों को दी गई ढिलाई का सच सामने लाए। यदि सिखों के जान-माल को सरकार की गलती के कारण नुकसान हुआ तो उसके लिए दिल्ली सरकार की जिम्मेदार होगी।