दूसरे दिन भी नहीं लग पाया दोनों बच्चियां का कोई सुराग


सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलन्दशहर के ककोड़ कोतवाली के गांव रमानी निवासी पशुओं को नहलाने गए तीन किशोरी समेत चार बच्चों के डूबने के बाद दो लापता किशोरियों का दूसरे दिन भी कोई पता नहीं चल सका। लापता दो बच्चियों को तलाशने में चार थानों की पुलिस समेत 41 वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद बाढ़ राहत टीम व गोताखोर बच्चियों की खोज में लगे हैं।रमानी निवासी दीपू की दो पुत्रियां काजल उर्फ टीना व गुंजन अपने भाई कुनाल तथा चचेरी बहन सपना पुत्री अजीत के साथ शुक्रवार दोपहर पशुओं को नहलाने पास से गुजर रही मॉट ब्रांच पर गई थीं।

पशुओं को नहलाते समय अचानक चारों बच्चे नहर में डूबने लगे। तभी वहां उपस्थित सपना के भाई दुश्यंत ने कुनाल और सपना को किसी तरह सुरक्षित निकाल लिया। परंतु नहर में अधिक पानी और वहाब तेज होने के कारण काजल और गुंजन को नही निकाला जा सका। मामले की खबर लगते ही लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने बच्चियों को खोजने का प्रयास किया।

परंतु सफलता नहीं मिली। सूचना पर आननफानन में दनकौर, रबूपुरा, जहांगीरपुर पुलिस समेत, पीएसी बाढ़ राहत टीम व गोताखोर मौके पर पहुंचे। परंतु बच्चियों का कोई पता नहीं चल सका। दूसरे दिन शनिवार को फिर से टीमों ने अपना काम शुरू किया। परंतु बच्चियों को नहीं खोज सकेl


कोतवाली निरीक्षक, दनकौर (गौतमबुद्धनगर) अरविंद पाठक का कहना है lबच्चियों की खोज में कई टीमें लगी हैं। शीघ्र ही बच्चियों के मिलने की संभावना हैं।कोतवाली निरीक्षक, ककोड़ अवधेश कुमार त्रिपाठी ने बताया नहर के पानी को कम कराके बच्चियों को खोजने में टीम लगीं हैं।

बहादुर बच्चे ने बहिन समेत दो को बचा लिया।जिस समय चारों बच्चे पशुओं को पानी समय नहर में डूबने लगे। उसी समय 12 वर्षीय किशोर दुश्यंत पुत्र अजीत वहां उपस्थित था। दुश्यंत ने डूब रहे चारों बच्चों में से अपनी बहन सपना व लापता किशोरियों के भाई कुनाल को किसी तरह बचा लिया। दुश्यंत ने दोनों बच्चियों को भी बचाने का पूरा प्रयास किया। परंतु अधिक पानी और तेज वहाब से दोनों को नहीं बचा सका।

18 किलोमीटर दूरी के बीच लगतें हैं चार थाने
ककोड़। क्षेत्र में बह रही मॉट ब्रांच नहर के कोतवाली क्षेत्र में प्रवेश होते ही चार थानों की सीमाएं शुरू हो जाती है। अक्सर अज्ञात शवों के नहर में बहकर आने से पुलिस का सीमा विवाद भी शुरू हो जाता है। गौतमबुद्धनगर की दनकौर कोतवाली से शुरू होकर, ककोड़ फिर दनकौर फिर ककोड़ फिर रबूपुरा फिर ककोड़ फिर जहांगीरपुर के बाद अलीगढ़ जिले के थानों से होकर बहती है।


परिवार का बुरा हाल घटना के बाद से बच्चियों के परिजनों और सहजनों का बुरा हाल है। पीड़ित पिता और मां समेत अन्य परिजन नहर के आसपास ही घूम रहे हैं। कब उनके कलेजे की टुकड़ी उनके सामने हों।