नए साल की पार्टी में गाजियाबाद के शौकीनों ने भरा गाजियाबाद का खजाना, हापुड़, मेरठ व बुलंदशहर को छोड़ा पीछे

गाजियाबाद। नए साल के जश्न में गाजियाबाद वालां पर बार, रेस्टोरेंट में काकटेल और शराब का खुमार पूरी रात चढ़ा। खुमार भी ऐसा कि गाजियाबाद वाले नए साल के स्वागत और पुराने साल को विदा करने में करोड़ों की रुपए की शराब पी गए। रिकॉर्ड तोड़ हुई बिक्री से आबकारी विभाग की बल्ले-बल्ले हो गई। वहीं आबकारी विभाग ने पूरी मुस्तैदी के साथ साल के आखिरी दिन व्यवस्था संभाली। यही कारण है कि साल के जाते जाते शासन के खाते में जमकर धन की वर्षा हुई। 31 दिसंबर के दिन ही गौतमबुद्ध नगर में करीब 13 करोड़ और गाजियाबाद में 8 करोड़ रुपये की आय हुई है। वहीं मेरठ में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए शराब की बिक्री हुई है। उधर हापुड़ में करीब 1 करोड़ 10 लाख रुपए की शराब की बिक्री हुई है और बुलंदशहर में करीब 3 करोड़ रुपए शराब की बिक्री हुई है। इसी तरह की स्थिति आने वाले एक सप्ताह तक रहने की उम्मीद की जा रही है। नए साल के स्वागत पर पर शराब तो खूब बिकी, लेकिन ड्रिंक एण्ड ड्राइव के मामले कम दर्ज हुए। नए साल के आगमन से पहले साल 2023 की अंतिम दिन और रात को लोगों ने जमकर जश्न मनाया। नए साल के जश्न में लोग डूबे हुए थे। नए साल के जश्न में लोगों ने जमकर जाम छलकाए। गाजियाबाद में 31 दिसंबर की सुबह 10 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक 521 शराब की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ी रही। हर वर्ष नए साल का जश्न मनाने में शराब की खपत दोगुनी हो जाती है। साल 2024 का जश्न मनाने की तैयारी रविवार को सुबह से ही चल रही थी।

शराब गटकने वाले लोग सुबह से ही व्यवस्था में जुट गए थे। सुबह दस बजे दुकान खुलते ही शराब व बीयर लेने के लिए लोग पहुंचने लगे। प्रत्येक व्यक्ति जितनी शराब का सेवन रोज करता है, उससे दोगुना शराब व बीयर लोग डंप कर रहे थे। जिन लोगों ने ग्रुप में पार्टी आयोजित की थी, वे शराब व बीयर भरा गत्ता डंप कर रहे थे। गाजियाबाद में अंग्रेजी, देशी, बीयर, मॉडल समेत 521, गौतमबुद्ध नगर में अंग्रेजी, देशी, बीयर, मॉडल समेत 538, मेरठ में अंग्रेजी, देशी, बीयर, मॉडल समेत 465, हापुड़ में अंग्रेजी, देशी, बीयर, मॉडल समेत 280 और बुलंदशहर में अंग्रेजी, देशी, बीयर, मॉडल समेत 482 दुकानें है। आबकारी विभाग के राजस्व को बढ़ाने के लिए जिले के सभी आबकारी अधिकारियों के साथ आबकारी निरीक्षकों ने पूरी रात अपनी कार्यों को बखूबी अंजाम दिया। जहां एक तरफ ओवर रेटिंग की कोई भी शिकायत नहीं मिली, तो वहीं अवैध शराब तस्करी की भी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई। हर साल के अनुभव को देखते हुए लाइसेंस धारकों ने नए साल से एक सप्ताह पूर्व ही दुकान में शराब व बीयर का स्टाक फुल कर दिया था। शाम ढलते ही शराब की बोतल व बीयर की केन खुल गई। फिर डीजे की धुन पर-पी ले पी ले ओ मोरे राजा ओ मोरे जानी गीत पर लोग थिकरने लगे। रात 12 बजते ही लोग नए साल के जश्न में झूमने लगे।

आबकारी विभाग के अनुसार गाजियाबाद में करीब 8 करोड़ रुपये की शराब की खपत नए साल का जश्न मनाने में हुई। शहर के होटल, रेस्टोरेंट, मॉल और बार में देर रात तक जश्न चलता रहा। शहर की सोसायटियों में भी अपने-अपने तरीके से नववर्ष का जश्न मनाया गया। इस दौरान शहर में कई जगहों पर लाइव कंसर्ट का भी आयोजन किया गया। 31 दिसंबर को रविवार होने के चलते कामकाजी लोग अवकाश मना रहे थे। आबकारी विभाग के निर्देश पर रविवार को सुबह 10 बजे से देर रात 11 बजे तक शराब की दुकान खुली रही। गाजियाबाद में 521 शराब की दुकानों पर यह बिक्री हुई। जिले में देशी शराब की 214, अंग्रेजी शराब की 134 और बीयर की 130 और मॉडल शॉप की 43 दुकानें हैं। शहर में 32 स्थाई बार है और नववर्ष की पार्टी के लिए 54 अस्थाई बार लाइसेंस जारी किए गए। जहां 31 दिसंबर की देर रात तक बार खुले रहे। शहर के होटल रेस्टोरेंट मॉल और सोसाइटी में जश्न का माहौल रहा।

आबकारी विभाग ने संभाला मोर्चा
आबकारी विभाग को पहले से ही उम्मीद थी कि साल के आखिरी दिन दुकानें खुलते ही शराब खरीदने के लिए मारामारी मच सकती है। इसे देखते हुए विभाग ने सभी शराब दुकानों के सामने अपने स्टाफ को तैनात कर दिया था। जो पूरी समय व्यवस्था संभालने के लिए लगे हुए थे। यही कारण है कि शराब दुकान के सामने कहीं हंगामा या विवाद की स्थिति नहीं बन पाई। वहीं अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए तैयार की गई आबकारी विभाग की रणनीति सार्थक साबित हुई। आबकारी विभाग की मुस्तैदी के चलते ही इस बार शराब माफिया अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर दिल्ली से सटा हुआ है। वहीं गौतमबुद्ध नगर का कुछ हिस्सा हरियाणा से भी सटा हुआ है। जिस कारण इन जिलों में बाहरी राज्यों की शराब तस्करी की संभावना ज्यादा रहती है। मगर आबकारी विभाग की स्पेशल टीम ने जिस तरह से शराब तस्करों के ठिकानों को ध्वस्त करने के साथ-साथ सीमा में प्रवेश करने वाले द्वार पर अपना पहरा बढ़ाया, उसी का नतीजा है कि गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिले में रिकॉर्डतोड़ शराब की बिक्री हुई है।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि गाजियाबाद में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की टीम की कार्रवाई का ही नतीजा है कि शराब की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई है। अगर गाजियाबाद में अवैध शराब की तस्करी होती तो शायद इस तरह की बिक्री होना संभव नहीं था। जिले में अवैध शराब के धंधे को समाप्त करने के साथ-साथ जिले की शराब की दुकानों पर भी आबकारी विभाग की टीम ने मोर्चा संभाला हुआ था। प्रतिदिन जिले में करीब चार करोड़ रुपए शराब की बिक्री होती है। जबकि 31 दिसंबर को करीब 8 करोड़ रुपए की शराब की बिक्री हुई। गाजियाबाद में 521 शराब की दुकानों पर यह बिक्री हुई। शहर में 32 स्थाई बार और 54 अस्थाई बार जो 31 दिसंबर की देर रात तक बार खुले रहे। आबकारी विभाग की टीम कार्रवाई करने के साथ-साथ राजस्व बढोत्तरी बढ़ाने के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही है। हर वर्ष पूर्व के रिकॉर्ड को तोड़कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया जा रहा है। साथ ही अवैध शराब के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हुए तस्करों पर जेल भेजने की कार्रवाई भी निरंतर जारी है।

जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अवैध शराब के चंगुल से गौतमबुद्ध नगर को मुक्त करने के लिए टीम द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। नववर्ष को लेकर शराब की डिमांड बिक्री बढ़ जाती है और बाहरी राज्यों से भी शराब तस्करी की संभावना रहती है। बाहरी राज्यों से शराब तस्करी रोकने के लिए टीम द्वारा बेहतर प्रदर्शन किया गया है। जिस कारण ही 31 दिसंबर को करीब 13 करोड़ रुपए शराब की बिक्री हुई है। टीम द्वारा दिल्ली व हरियाणा सीमा पर बैरिकेडिंग कर वाहनों की चेकिंग की जा रही है। जिले में अंग्रेजी, देशी व विदेशी और मॉडल शॉप समेत 538 दुकानें है। दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायत न मिले इसके लिए आबकारी विभाग की टीम ने पूरी तरह से मुस्तैद रही। शराब तस्करों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ आबकारी विभाग लोगों के बीच में जाकर अवैध शराब के खिलाफ जागरुकता अभियान भी चला रहा है। लोगों की जागरूकता से ही अवैध शराब के कारोबारी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है।