IN8@जींद…. खेतों में पराली जलाने पर प्रदूषण का जो स्तर बढ़ेगा, उससे कोरोना वायरस ओर भी घातक हो सकता है। धरती पुत्र ऐसी गलती ना करें। इसके लिए उन पर सैटेलाइट की विशेष नजर होगी। अनदेखी करने वाले किसानों पर 24 घंटे के अंतराल में एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। डॉ. आदित्य दहिया ने किसानों से कहा है कि वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढने से कोरोना वायरस ओर भी घातक हो सकता है,इसलिए पराली को न जलाकर इसका उपयोग पशुचारे के रूप में करें। ऐसा करने से न केवल खुद की जान बचाई जा सकती है,बल्कि आने वाली पीढिय़ों को भी स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण उपलब्ध करवाकर दीर्घायु का आशीर्वाद वर्तमान में ही दे सकते है।
आदित्य दहिया ने यह आह्वन स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए किया है। उन्होंने कहा कि इस बार पराली जलाने वाले किसान जिला प्रशासन की नजर से बच नही पाएगें,क्योंकि सैटेलाईट के माध्यम से पूरी निगरानी रखी जा रही है। अगर जिला में कहीं भी पराली जलने की घटना घटती है,तो इसकी सूचना तुरंत प्राप्त हो जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि माननीय सर्वोच्य न्यायालय द्वारा भी पराली जलाने पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के निर्देश दिये जा चुके है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी किसान पराली जलाता है, तो उसके खिलाफ 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। बैठक में एडीसी डॉ. सत्येन्द्र दुहन, जींद,नरवाना, उचाना उपमंडलों के एसडीएम,सत्यवान मान,संजय बिश्रोई, राजेश कोथ,डीएसपी धर्मबीर सिंह,डीएफएससी व कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।