IN8@नूंह ……उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने सभी बैंकर्स को कहा कि वह पशु किसान के्रडिट कार्ड जल्द से जल्द बनाए। उन्होंने कहा कि जो क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवेदन आता है, उसको बिना कारण के रिजेक्ट न किया जाए। उन्होंने सभी बैंकों को निर्देश भी दिए हैं कि वह ऐसे आवेदनों को रिजेक्ट न करें जो जिन खाते दूसरे बैंकों में हैं,तो ऐसे आवेदन को संबधित बैंक को भेज दे। यदि बैंकर्स सरकार के आदेशों की अनुपालना नहीं करेंगे तो उनकी स्वयं की जवाबदेही होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आसान किश्तों पर ऋण दिया जाता है। यह दो दुधारू पशुओं के लिए दिया जाता है, इसके लिए पशुपालक को 1 लाख 60 हजार रुपये लोन पर कोई बैंक गांरटी नहीं देनी होती, यदि इससे ज्यादा हो जाता है तो उन्हें कुछ न कुछ गारंटी देनी पड़ती है, तीन लाख तक 7 प्रतिशत सालाना ब्याज पशुपालक को देना होगा। यदि किसान समय पर किश्त का भुगतान करता है तो किसान को 3 प्रतिशत सरकार द्वारा छूट दी जा रही है। किसान क्रेडिट कार्ड बैंक की सभी शाखाओं पर बनाए जाने हैं।
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला में पशु किसान के्रडिट कार्ड के 31 हजार 914 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 2111 आवेदनों को स्वीकृत करके 397 लोगों को पशु किसान केड्रिट कार्ड ऋण के रूप में दिए जा चुके है। उन्होंने बताया कि सभी बैंकों को हिदायत दी गई है कि वह इस योजना के तहत अधिक से अधिक पशुपालकों के ऋण स्वीकृत किए जाएं। उन्होंने बताया कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड का कार्य ठीक प्रकार से चल रहा है। जो भी रिजैक्शन आ रही है उनमें अधिकतर जिन पशुपालकों के खाते ठीक नहीं है या कुछ ऐसे किसान जिनका खाता नम्बर दूसरे बैंकों में है।