हरियाणा नूंह में हुई हिंसा को लेकर हरियाणा सरकार ने बड़ी बात कही है. सरकार के मुताबिक, साइबर पुलिस थाने पर किया गया हमला सुनियोजित था जिसका उद्देश्य अप्रैल माह में साइबर अपराधियों पर हुई छापेमारी के बाद जुटाए गए सबूतों को नष्ट करना था.
31 जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा के दौरान साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया गया था.भीड़ द्वारा विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को रोकने की कोशिश के बाद भड़की सांप्रदायिक झड़प में दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई और बाद में यह हिंसा गुरुग्राम तक फैल गई. सरकार ने एक बयान में कहा, पिछले कुछ दिनों में नूंह में हुई हिंसा की आड़ में छापेमारी के दौरान जुटाए गए सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई और साइबर पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया.
थाने में थे अहम सबूत
इसमें कहा गया है कि भारी धोखाधड़ी और अन्य अपराधों से संबंधित दस्तावेज पुलिस स्टेशन में रखे गए थे. हरियाणा पुलिस ने अप्रैल में अपनी तरह की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी में करीब 100 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का खुलासा किया था. कार्रवाई के तहत नूंह के 14 गांवों में फैले साइबर अपराधियों के 320 ठिकानों पर छापेमारी की गई और 65 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा 66 मोबाइल फोन और कई फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए.
गृह मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा था कि हरियाणा सरकार ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पर हमले को बहुत गंभीरता से लिया है. उन्होंने यह भी कहा था कि नूंह भारत के साइबर अपराध केंद्र के रूप में कुख्यात झारखंड का नया जामताड़ा जिला बन रहा है, जब साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की गई थी.