पॉक्सो एक्ट के मामले में आरोपी को 12 साल की कैद

IN8@गुरुग्राम…. सात वर्षीय बालिका से दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश भावना जैन की अदालत ने पु ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 12 साल की कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने पीडि़त को 4 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने के आदेश भी दिए हैं। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था फरिश्ते ग्रुप की वरिष्ठ अधिवक्ता डा. अंजू रावत नेगी व लीगल सैल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने निशुल्क की है।


पीडि़त की अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 की 22 अप्रैल को पटौदी क्षेत्र की एक महिला ने मानेसर महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके घर में मिस्त्री लकड़ी का काम कर रहे हैं। उसकी सात वर्षीय बेटी अकेली घर में सो रही थी। इसी दौरान जब वह बाहर पशुओं को चारा डालने गई तो काम कर रहे जीबी नगर यूपी मूल का मिस्त्री जाउद्दीन मासूम के कमरे में घुस गया और अंदर से दरवाजे की कुण्डी बंद कर ली। जब बच्ची के चिल्लाने की आवाज आई तो उसने दरवाजा खटखटाया। उसने दरवाजा खोला तो मासूम अस्त-व्यस्त हालत में थी और वह रो रही थी। उसने अपनी बच्ची से पूछताछ की तो बच्ची ने बताया कि जाउद्दीन ने उसके साथ गंदी हरकत करने का प्रयास किया है।

जाउद्दीन मौके से भाग गया था। पुलिस ने महिला की शिकायत पर समुचित कार्यवाही करते हुए जाउद्दीन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिर तार कर जेल भेज दिया था। अधिवक्ता का कहना है कि जब इस मामले की जानकारी उनकी संस्था को मिली तो उन्होंने अदालत में मासूम के मामले की निशुल्क पैरवी की और पर्याप्त सबूत व गवाह जुटाए गए। इन सबूतों व गवाहों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 12 साल की कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।