प्राचीन संस्कृति को समेटे है बूढ़े बाबू मेला

सुरेन्द्र भाटी@बुलन्दशहर के शिकारपुर : कस्बा स्थित मुफ्ती वाडा में लगने वाले बूढ़े बाबू का मेला प्राचीन संस्कृति को समेटे हुए हैं मेले में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं| श्रद्धालुओं ने तालाब पर पूजा अर्चना करते हुए जमकर मेले का आनंद उठाया नगर के मौहल्ला मुफ्ती वाड़ा स्थित तालाब के निकट बूढ़े बाबू दूज पूजन मेला लगता है|

क्षेत्र के गांव देहात के हजारों लोग मेला देखने पहुंचें और पूजा अर्चना करते हुए बूढ़े बाबू के दर्शन भी किए भगत जी प्रजापति, ने बताया कि बूढ़े बाबा की दूज पर पूजा करने से चर्म रोग ठीक होने की आस्था है|

इसके चलते लोग तालाब और ग्रामीण क्षेत्रों में पोखरो में बूढ़े बाबा की दूज का पूजन करते हैं आटा भी डाल हाथी अन्य सामग्री चढ़ा कर तालाब घाट पर पूजा अर्चना करते हैं तालाब की माटी का तिलक लगाने का भी विशेष महत्व हैं ।