IN8@रोहतक…. एआईडीएसओ ने हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस 53 हजार से बढ़ाकर दस लाख प्रतिवर्ष और पूरे कोर्स की फीस चालीस लाख रुपये करने के खिलाफ मेडिकल मोड़ पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश कुमार ने कहा कि यह फीस वृद्धि नही खुली लूट है। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य-शिक्षा और चिकित्सा के निजीकरण, व्यवसायीकरण और व्यापारीकरण की ओर एक कदम है। मेडिकल फीस चालीस लाख करने से गरीब छात्र और आम जनता डॉक्टर बनने का सपना तक भी नहीं देख सकेंगे।
केवल अमीर घर के छात्र ही डॉक्टर बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राइवेट समेत प्रतिवर्ष लगभग 1500 डॉक्टर बनते है, लेकिन प्रतिवर्ष सौ से भी कम डॉक्टरों को ही सरकार सरकारी नौकरी पर रखती है। बाकी के छात्र सात सालों में ब्याज समेत लगभग 55 लाख फीस कैसे भरेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में फीस वृद्धि होने से प्रदेश के 85 प्रतिशत से ज्यादा छात्र मेडिकल की पढ़ाई नही कर पाएंगे, जिससे वे शिक्षा के अधिकार से भी वंचित हो जाएंगे। हरीश कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 और एनएमसी के पूरी तरह से लागू होने के बाद ये फीस वृद्धि और भी बढ़ेगी। उन्होंने तुंरत इस फैसले को वापिस लेने की मांग की। साथ ही चेताया कि अगर सरकार ने फीस वृद्धि को वापस नहीं लिया तो सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस अवसर पर राजेश, अमित, रोहित, स्फूर्ति और रवि प्रमुख रूप से शामिल रहे।