बलिया की धरती से शराब माफिया का होगा सफाया, 30 लीटर कच्ची शराब और 3000 किलो लहन नष्ट

अवैध शराब की सप्लाई रोकने के लिए नदी किनारे चल रही छापेमारी जारी

बलिया। रेवती (बलिया, उत्तर प्रदेश) और सिसवन (सिवान, बिहार) के बीच बहने वाली घाघरा नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि वर्षों से सीमा पार अपराधों का रास्ता भी रही है। जीवनदायिनी इस नदी ने जहां कृषि और जनजीवन को संबल दिया है, वहीं बरसात के मौसम में बाढ़ और अवैध गतिविधियों की चुनौती भी खड़ी की है। इसी घाघरा नदी और उसके तटीय जंगलों का फायदा उठाकर अवैध शराब के माफिया लंबे समय से कच्ची शराब के निर्माण और तस्करी का धंधा चला रहे थे। मगर अब यह रास्ता उनके लिए आसान नहीं रहा। जिला आबकारी अधिकारी विजय कुमार शुक्ला की सख्त नीति और सुनियोजित रणनीति ने शराब माफियाओं की कमर तोड़कर रख दी है। नदी, झाडिय़ाँ और नाव को ढाल बनाकर अवैध शराब बनाने वाले माफिया अब प्रशासन की पकड़ से बाहर नहीं रह पा रहे हैं। आबकारी विभाग की टीमें अब सिर्फ यूपी सीमा तक सीमित नहीं, बल्कि बिहार पुलिस के साथ समन्वय कर सीमा पार भी माफियाओं पर शिकंजा कस रही हैं। घाघरा नदी के तटीय क्षेत्रों में झाडिय़ों और जंगलों के बीच छिपाकर बनाई जाने वाली अवैध शराब भट्टियाँ माफियाओं का सुरक्षित ठिकाना मानी जाती थीं। जैसे ही आबकारी विभाग की टीम दबिश देती, माफिया नाव के सहारे बिहार की सीमा में भाग निकलते थे। इसी तरह जब टीम को कार्रवाई करनी होती थी, तो उसे भी नाव से नदी पार कर जंगलों में पहुंचना पड़ता था। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद विजय कुमार शुक्ला ने हार नहीं मानी और रणनीति में बड़ा बदलाव किया।

इसी रणनीति का असर रविवार को एक बार फिर देखने को मिला, जब आबकारी निरीक्षक विनय राय और संदीप यादव की संयुक्त टीम ने जनपद बलिया के रेवती थाना क्षेत्र और बिहार के सिसवन थाना क्षेत्र के मध्य घाघरा नदी के तटीय इलाकों में बड़ी कार्रवाई की। इस दबिश के दौरान मौके से लगभग 30 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद की गई, जबकि करीब 3000 किलोग्राम लहन से भरे ड्रमों को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। साथ ही जंगलों के बीच बनी शराब भट्टी को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। जिला आबकारी अधिकारी विजय कुमार शुक्ला ने कहा कि अवैध शराब का निर्माण चाहे कहीं भी हो, उसे बाजार तक पहुंचने से पहले ही नष्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शराब माफिया चाहे जितनी भी चालाकी कर लें, आबकारी विभाग अब हर कदम पर उनसे एक कदम आगे है। यूपी और बिहार पुलिस के साथ तालमेल कर लगातार कार्रवाई की जा रही है, जिससे माफियाओं को भागने का कोई सुरक्षित रास्ता न मिल सके। नववर्ष के मद्देनजर आमजन को सुरक्षित और शांत माहौल देने के लिए आबकारी विभाग की टीमें दिन-रात छापेमारी कर रही हैं। देहात क्षेत्रों में अवैध शराब के निर्माण को जड़ से खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

विजय कुमार शुक्ला ने साफ किया कि यह अभियान किसी एक दिन का नहीं, बल्कि निरंतर चलने वाली सख्त कार्रवाई है। अवैध शराब के साथ-साथ लाइसेंसी दुकानों पर भी आबकारी विभाग की नजर टिकी हुई है। निरीक्षकों की टीम द्वारा लगातार दुकानों की चेकिंग की जा रही है और गुप्त रूप से टेस्ट परचेजिंग कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कहीं भी ओवररेटिंग या नियमों का उल्लंघन न हो। इस सख्ती से न सिर्फ अवैध कारोबारियों में हड़कंप मचा है, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी राहत मिली है। घाघरा नदी के तटीय इलाकों में कभी जो शराब माफिया बेखौफ नजर आते थे, अब वे लगातार दबिश और कार्रवाई से घबराए हुए हैं। जिला आबकारी अधिकारी विजय कुमार शुक्ला की दूरदर्शी सोच, मजबूत समन्वय और कड़े फैसलों ने यह साफ कर दिया है कि अवैध शराब के लिए बलिया की धरती अब सुरक्षित नहीं है। प्रशासन की यह सख्ती न सिर्फ कानून व्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि समाज को नशे के जाल से मुक्त करने की दिशा में भी एक ठोस कदम साबित हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *