गाजियाबाद। निर्धारित दर से अधिक पर शराब की बिक्री मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आबकारी निरीक्षक क्षेत्र का नियमित भ्रमण करके दुकानों का जायजा लेते रहें। मानक के अनुसार विक्रेता शराब की बिक्री करें। दुकानों पर पर्याप्त ब्रांड की उपलब्धता की जांच, दुकानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों, दुकानों को आवंटित ई-पास मशीनों की क्रियाशीलता के बारे में लगातार निरीक्षण कर जानकारी हासिल करते रहे। शराब पर अंकित मूल्यों से अधिक की वसूली करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। उक्त बातें बुधवार को जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने अपने कार्यालय में जनपद के समस्त बीयर दुकानों, मॉडल शाप, पी.आर. शॉप एंव बार अनुज्ञापियों के साथ बैठक में कहीं। उन्होंने कहा पॉश मशीन से स्कैन के बाद ही शराब की बिक्री की जाए। अनुज्ञापियों के साथ-साथ आबकारी निरीक्षकों को भी जिला आबकारी अधिकारी ने क्षेत्र में निरंतर भ्रमणशील रहने, दुकानों पर टोल फ्री नंबर एवं अन्य शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई तथा प्रवर्तन कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रिंट रेट पर मदिरा की बिक्री सुनिश्चित करें। अगर कोई अतिरिक्त मूल्य लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।
शराब पर ओवर रेटिंग से निपटने के लिए विभाग निरंतर सतर्कता बरत रहा है। पूर्व में भी कुछ वाइन शॉप पर जुर्माना ठोंका गया है। गाजियाबाद जिले में अवैध शराब का निर्माण, बिक्री एवं परिवहन की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग दिन-रात सक्रिय है। निर्धारित मूल्य से ज्यादा दाम पर शराब बेचने वाले अनुज्ञापियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। शराब की दुकानों में ओवर रेटिंग पर रोक लगाने के मकसद से जिला आबकारी अधिकारी लगातार अनुज्ञापियों के साथ बैठक कर नियमों का पाठ पढ़ाते रहते है। जिससे जिले में ओवर रेटिंग की शिकायतों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकें। बैठक में जनपद के सभी अपराध निरोधक क्षेत्रों में तैनात आबकारी निरीक्षक एवं ओएसिस के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उक्त बैठक में बीयर दुकान, मॉडल शॉप, पी.आर. शॉप एवं बार अनुज्ञापियों एंव उनके प्रतिनिधियों से शत प्रतिशत बिक्री पॉश मशीन से करने के संबंध में निर्देश दिए गए। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा ओएसिस के प्रतिनिधियों को भी निर्देश दिया गया कि मशीन में किसी भी प्रकार के समस्या आने पर त्वरित कार्यवाही की जाए। अनुज्ञापियों को सख्त निर्देश दिए कि ओवर रेटिंग करते हुए पकड़े जाने पर पहली बार में 75 हजार रुपये और दूसरी बार में 1.50 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा, अगर इसके बाद भी आदतों में सुधार नहीं होता है तो तीसरी बार में लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
अनुज्ञापियों को चेतावनी देते हुए जिला आबकारी अधिकारी ने कहा सिर्फ लाइसेंस लेने से ही काम नहीं चलेगा, शराब की दुकानों पर किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो विक्रेता के साथ-साथ संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। दुकान पर आने वाले ग्राहकों से सौम्य व्यवहार करें। ग्राहकों से अभद्र भाषा का प्रयोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दुकानों पर होने वाली सभी गतिविधियों की जानकारी खुद रखें। आबकारी निरीक्षक अपने स्तर से सभी कार्रवाई कर रहा है। खुद की भी जिम्मेदारी लेते हुए विक्रेताओं पर अपनी नजर बनाए रखें। बैठक में अनुज्ञापियों के साथ आबकारी निरीक्षक हिम्मत सिंह, मनोज शर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अखिलेश बिहारी वर्मा, डॉ. राकेश त्रिपाठी, अनुज वर्मा, अभय दीप सिंह एवं विपिन कुमार मौजूद रहे। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा आयोजित बैठक में कुछ अनुज्ञापियों ने अपना दर्द बयां किया। दरअसल गाजियाबाद में लाइसेंसी शराब की दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायत से ज्यादा सबसे बड़ी समस्या ब्लैकमेलरों की है। जो अपने स्वार्थ के चलते लाइसेंसियों को परेशान करते रहते है।
विभाग में हर माह सरकारी पोर्टल या फिर आरटीआई के माध्यम से कई शिकायतें ऐसी प्राप्त होती है। जिनका उद्देश्य सिर्फ अनुज्ञापियों को परेशान करना होता है। या फिर दुकानों पर जाकर वीडियो बनाकर विक्रेताओं को ब्लैकमेल करने की मंशा होती है। अनुज्ञापियों की शिकायत को सुनकर जिला आबकारी अधिकारी ने कहा अगर कोई बेवजह आपकों परेशान करता है या फिर ब्लैकमेल कर प्रयास करता है तो इसकी शिकायत विभाग में करें। विभाग स्तर पर इसकी जांच होगी और कार्रवाई भी होगी। मगर उससे पहले खुद की कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है। जब तक खुद की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होगा तब तक दुसरों को नही सुधारा जा सकता है। बैठक में जिला आबकारी अधिकारी सख्त रुख को देख अनुज्ञापियों के भी एकाएक होश उड़ गए। जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने आयोजित बैठक में जहां एक तरफ अनुज्ञापियों का नियमानुसार काम करने का पाठ पढाया तो वहीं बैठक में मौजूद सभी आबकारी निरीक्षकों को भी सख्त निर्देश दिए। जिला आबकारी अधिकारी ने कहा बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी की घटना पर भले ही रोक लगाने में आप सभी ने सफलता हासिल की है। मगर इससे काम नहीं चलेगा।
जिले में छोटे शराब तस्करों पर भी कार्रवाई करने के लिए योजना बनाकर लगातार कार्रवाई करें। जब तक जिले में शराब तस्करी के मामलों पर पूरी तरह से रोक नहीं लगेगी, तब तक राजस्व में वृद्धि भी होना मुश्किल है। दिन के साथ रात में भी अभियान चलाकर लगातार छापेमारी एवं दबिश देते रहे। शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के साथ उससे अधिक राजस्व वसूली के लिए भी हर दिन प्रयास करें। लक्ष्य की पूति के लिए हर दिन अपने नए टारगेट को फिक्स करते हुए कार्रवाई को अंजाम दें। तभी आप अपने लक्ष्य को पूरा कर सकते है। साथ ही आबकारी निरीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा शराब की दुकानों पर लगातार गुप्त टेस्ट परचेजिंग कराते रहे और बेवजह किसी भी विक्रेताओं को परेशान न किया जाए। इसका विशेष ध्यान रखें।