बिसात का बादशाह: हर चाल में है सोच का शस्त्र, यही है अक्षित की सफलता का मंत्र


-गाजियाबाद के होनहार अक्षित शर्मा ने रैपिड चेस टूर्नामेंट में मारी बाजी, दिल्ली-एनसीआर के 58 खिलाडिय़ों को पछाड़कर जीता पहला स्थान

गाजियाबाद। शतरंज जिसे अक्सर ‘मौन युद्ध’ और बुद्धि का अखाड़ा कहा जाता है उस शांति से भरे मैदान पर जब चालें बोलती हैं, तब सिर्फ मोहरें नहीं, प्रतिभाएं भी अपनी पहचान बनाती हैं। ऐसी ही एक बिसात पर गाजियाबाद के डीपीएस पब्लिक स्कूल, मेरठ रोड में अध्ययनरत कक्षा 9 के छात्र, अक्षित शर्मा ने अपनी विलक्षण बुद्धिमत्ता, धैर्य और रणनीतिक कौशल के दम पर इतिहास रच दिया। नोएडा सेक्टर-116 स्थित ग्लोबल स्पोर्ट्स एकेडमी में आयोजित प्रतिष्ठित ‘काबिल किड्स रैपिड चेस टूर्नामेंट’ में अक्षित ने अंडर-16 श्रेणी में पहला स्थान हासिल कर न केवल अपने विद्यालय का, बल्कि पूरे जनपद गाजियाबाद का नाम रोशन कर दिया। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि बड़ी जीत के लिए न उम्र मायने रखती है, न आकार सिर्फ सोच और संयम ही असली ताकत है।

इस प्रतियोगिता में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न जिलों से आए 58 प्रतिभाशाली बाल खिलाड़ी शामिल हुए थे। अलग-अलग आयु वर्गों -अंडर-8 (14), अंडर-10 (18), अंडर-12 (16) और अंडर-16 (10) प्रतिभागियों ने अपने दिमागी कौशल का प्रदर्शन किया। लेकिन अंडर-16 वर्ग में अक्षित शर्मा ने अपनी एकाग्रता, चतुराई और आत्मविश्वास से सभी प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया। इस वर्ग में सार्थक सिंह बिष्ट (द्वितीय), राघव शर्मा (तृतीय), आरिव अग्रवाल (चतुर्थ) और श्रेष्ठ गिनवाल (पंचम) स्थान पर रहे। यह पहला अवसर नहीं है जब अक्षित ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इससे पूर्व भी वह कई चेस टूर्नामेंट में सफलता के झंडे गाड़ चुके हैं। परंतु इस बार उन्होंने न केवल अपने आयु वर्ग के खिलाडिय़ों को हराया, बल्कि अपने से बड़े उम्र के विरोधियों को भी पराजित कर यह सिद्ध किया कि उम्र नहीं, सोच बड़ी होनी चाहिए।

सपनों की बुनियाद-मां का मार्गदर्शन, पिता का संबल

अक्षित की इस उपलब्धि में उनके परिवार की भूमिका बेहद अहम रही है। उनकी मां प्रीति शर्मा, जो स्वयं एक शिक्षिका हैं, अक्षित की मानसिक तैयारी, अभ्यास और रणनीतिक सोच को लगातार निखारने में जुटी रहती हैं। वहीं उनके पिता मनोज शर्मा ने संघर्षों में भी उत्साह और आत्मबल का संचार कर अक्षित को कभी हार न मानने का जज्बा दिया। माता-पिता के इस अनुकरणीय साथ ने ही अक्षित को हर टूर्नामेंट में नए आत्मविश्वास के साथ उतारा।

स्कूल में खुशी की लहर, चेहरों पर गर्व

डीपीएस स्कूल, मेरठ रोड में अक्षित की जीत पर शिक्षकों, विद्यार्थियों और प्रबंधन में खुशी की लहर दौड़ गई। स्कूल प्राचार्य और शिक्षकों ने अक्षित को सम्मानित करने की घोषणा करते हुए कहा कि अक्षित जैसा छात्र पूरे विद्यालय के लिए प्रेरणा स्रोत है। टूर्नामेंट डायरेक्टर सुनील रैना, चीफ अर्बिटर अनिसा सिंह, डिप्टी अर्बिटर शशांक कुमार और भानु चाहर ने भी अक्षित को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी।

अक्षित बना नई पीढ़ी का आदर्श
शतरंज की इस जीत ने न सिर्फ अक्षित की पहचान बनाई है, बल्कि गाजियाबाद के युवाओं के लिए यह एक प्रेरणास्पद संदेश भी छोड़ा है कि अगर सोच ऊँची हो, तो जीत की हर चाल आपकी होती है।