सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलन्दशहर ककोड़। इसे कोरोना का कहर कहें। या सामान्य जनजीवन। ककोड़ क्षेत्र के गांवों में बीते एक माह में औसतन दस मौत होने से लोग खौफजदा हैं।
बीस अप्रैल के बाद क्षेत्र के गांवों में मौतों का सिलसिला ऐसा शुरू हुआ कि जो लगातार चलता रहा। हालांकि इन मृतकों में किसी एक दो को ही कोरोना की पुष्टि हुई।
कस्बे में एक माह मे करीब बारह, शेरपुर गांव में दस, धनौरा में पन्द्रह, सलैमपुर जाट में तेरह, नंगला गोविंदपुर में आठ, शेखपुर माम में बारह, झाझर में बीस, गांगरौल में चौदह,खवासपुर में दस लोगों की मौत की मौत समेत कोई गांव ऐसा नहीं रहा जहां कोई मौत नहीं हुई हो। लोगों का कहना है कि सामान्यतः बुजुर्गों और बहुत बीमार लोगों की मौत अक्सर होती रहतीं हैं। परंतु कोरोना काल में इस तरह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत से लोग अचंभित है।
और इसे कही न कही कोरोना की बजह और कुदरत का कहर बता रहे हैं। क्योंकि मृतकों में बुजुर्गों के अलावा नव युवक व अधेड़ लोग ज्यादा रहे हैं।